
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने वाहन चोरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसे बीए में पढ़ने वाला छात्र ऑपरेट कर रहा था. पुलिस ने गैंग के सरगना और चार नाबालिगों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 9 मोटर साइकिल, एक स्कूटी और मोटर साइकिल की चेसिस भी बरामद की है. गैंग के सरगना समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि सात नाबालिगों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.
पुलिस ने जिन चोरों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान खड़े प्रिंस, अंकित, लोकेश और राहुल के रूप में हुई है. प्रिंस इस गिरोह का सरगना है, जो दादरी के ही एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा है. प्रिंस ने अंकित, लोकेश और राहुल के साथ मिलकर गैंग बनाया था. इसके बाद गैंग में नाबालिगों को बहला-फुसलाकर शामिल किया और उनके जरिए मोटरसाइकिल चुराने की वारदातों को अंजाम देने लगा.
प्रिंस ने अपने गैंग में नाबालिगों को इसलिए शामिल किया, क्योंकि उसको लगता था कि ये मासूम बच्चे अगर चोरी के आरोप में पकड़े जाते हैं, तो आसानी से छूट जाते हैं. इस गैंग ने एक महीने पहले 11 मोटरसाइकिलें और कई स्कूटी चुराई थी. इन चोरी की वारदातों के बाद से दादरी पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चला रही थी. इस दौरान पुलिस ने प्रिंस और लोकेश को पकड़ लिया.
जब पुलिस ने प्रिंस और लोकेश से सख्ती से पूछताछ की, तो गैंग का खुलासा हुआ. पुलिस ने इन आरोपियों की निशानदेही पर चोरी की मोटरसाइकिलें और स्कूटी भी बरामद की. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चोरी की वारदातों में लोकेश की अहम भूमिका होती थी. प्रिंस और राहुल चोरी की मोटरसाइकिल लोकेश की दुकान पर भेज दिया करते थे, जिसकी बाइक रिपेरिंग का वर्कशॉप है. जहां से वह इन मोटरसाइकिलों को 22 सौ रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक में बेच दिया करता था. अगर कोई मोटरसाइकिल बिक नहीं पाती थी, तो उसके सामान को खोलकर दूसरे मोटरसाइकिल में लगा दिया करता था.
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक इस गैंग में सात नाबालिक बच्चे भी शामिल हैं, जिनको पुलिस ने पकड़ लिया है. बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि चोरी की वारदात में शामिल नाबालिग बच्चों को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद जुवेनाइल कोर्ट ने इन आरोपियों को बाल सुधार गृह भेज दिया है.