
राज्यसभा में मंगलवार को तीन तलाक बिल पास हुआ और तीन तलाक देना अब देश में अपराध हो गया है. लेकिन बिल पास होने के अगले ही दिन गुजरात से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां अहमदाबाद में एक पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया. तीन तलाक मिलने के बाद विवाहिता ने खुदकुशी की कोशिश की है.
फिलहाल, विवाहिता की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज चल रहा है. विवाहिता ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है. स्थानीय पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है.
घर की EMI को लेकर हुआ झगड़ा
आरोप है कि पीड़िता से उसके पति ने घर की EMI के पैसे मांगे थे. पीड़िता ने मना किया तो उसके साथ मारपीट की. इतना ही नहीं, पत्नी की पिटाई करते-करते आरोपी पति ने डेढ़ साल की बेटी को भी नहीं बख्शा और उसे पलंग से नीचे जमीन पर पटक दिया.
इसके बाद आरोपी ने पत्नी को धमकी दी कि वो दोनों बेटियों को जान से मार देगा. इस धमकी के बाद पीड़िता अपने मायके चली गई. आरोपी पति ससुराल पहुंचा और वहां मौजूद अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोलकर चला आया. पीड़िता इससे घबरा गई और खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की.
बताया जा रहा है कि दोनों की शादी को पांच साल हो गए थे और आरोपी पति कुछ कमाता नहीं था. पीड़िता के पिता ने रहने के लिए फ्लैट दिलाया था और डाउन पेमेंट कर दिया था, जिसका लोन आरोपी पति को ही चुकाना था. लेकिन वो इसके लिए भी अपनी पत्नी पर ही दबाव बनाता था.
गौरतलब है कि एक लंबी लड़ाई के बाद मंगलवार को ही संसद के ऊपरी सदन से तीन तलाक बिल पास हो गया है. लोकसभा से ये बिल पहले ही पास हो चुका था, बस अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर का इंतजार है और फिर देश में तीन तलाक देना अपराध हो जाएगा. और इसके लिए जो बिल में प्रावधान लाए गए हैं, वो सभी कानून बन जाएंगे.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की तरफ से राज्यसभा में इसी तरह के तर्क रखे गए थे कि मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नियों को किसी भी कारण का हवाला देकर इस तरह तलाक दे देते हैं. जिसके कारण सरकार को इस तरह का कड़ा कानून बनाना पड़ रहा है.
बता दें कि तीन तलाक बिल के कानून बन जाने के बाद देश में तीन तलाक देना अपराध हो गया है. अब ट्रिपल तलाक देने पर पति को अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है. बिल के अनुसार अब पीड़िता पत्नी या फिर उसका कोई रिश्तेदार FIR दर्ज करा सकते हैं. तीन तलाक का मामला गैर ज़मानती होगा और संज्ञेय अपराध माना जाएगा.