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गुजरात दंगे: मोदी को क्लीनचिट सही या नहीं? SC में टली सुनवाई

याचिकाकर्ताओं ने निचली अदालत के फैसले को नियमों के खिलाफ बताया था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो, PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो, PTI)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़े मामले में आज सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब ये 26 नवंबर तक टल गई है. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है, इसे पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने दायर किया है.

आपको बता दें कि इस मामले में जांच कर रही एसआईटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तब गुजरात के मुख्यमंत्री) को क्लीन चिट दे दी थी. इसी फैसले के खिलाफ याचिका डाली गई है.

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13 नवंबर को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका को मंजूर किया था. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ए. एम खानविलकर और दीपक गुप्ता नेएसआईटी रिपोर्ट का अध्ययन करने की बात कही थी.

आपको बता दें कि 2008 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औरअन्य लोगों को क्लीन चिट दी थी. जिसके बाद इस मामले में उनके खिलाफ कोई पुख्तासबूत ना होने की बात कही थी.

जिस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब SITने उनसे कई घंटों तक पूछताछ भी की थी. क्लीन चिट के खिलाफ इससे पहले भी निचली अदालतों में याचिकाएं दायर की गई थीं, इस बार ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली गई हैं.

गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में 59 लोगों की आग में जलकर मौत हो गई. ये सभी 'कारसेवक' थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे.

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