
गुरुग्राम हिंसा का पीड़ित मुस्लिम परिवार दिल्ली पलायन करने को मजबूर हो गया है. पीड़ित परिवार का कहना है कि होली के दिन हुई हिंसा के बाद से ही वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. दबंग आए दिन उनके घर के चक्कर लगाते रहते हैं. आरोपी पक्ष और गांव के लोग बार-बार समझौते के लिए दबाव बना रहे हैं, इसलिए मजबूरन हमें अपना घर छोड़कर जाना पड़ रहा है.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि घर से बाहर जाने पर गांव के लोग उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. हमें बेइज्जत करते हैं. दबंगों से भरी गाड़ियां दिखा कर हम पर दबाव बनाया जा रहा है. पीड़ित परिवार ने कहा है कि होली की उस शाम के बाद यहां वक्त और हालात पहले जैसे नहीं रह गए हैं, जिसके चलते उन्हें मजबूरन यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है.
पीड़ित परिवार के पलायन करने के फैसले के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया गया. गुरुग्राम पुलिस ने मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक खास समुदाय के परिवार के दो युवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि पुलिस ने गुरुग्राम हिंसा के पीड़ित परिवार को पहले से ही सुरक्षा दे रखी है.
हालांकि, पुलिस कुछ भी कहने से गुरेज जरूर कर रही है. पुलिस ने मुस्लिम परिवार के दो युवकों के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 323 और 324 के तहत मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.
पीड़ित परिवार की माने तो मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते पुलिस ने पीड़ित पक्ष के दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया जबकि बीते 7 दिन से ऐसा कुछ नहीं था कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि 21 मार्च की शाम लगभग पांच बजे क्रिकेट के खेल से शुरू हुए विवाद ने तब हिंसक रूप ले लिया जब हमलावर पीड़ितों में से एक का पीछा कर उसके घर में घुस गए. इस दौरान दर्जन भर युवकों ने लाठी डंडों से भोंडसी के भूपसिंह नगर इलाके में रहने वाले मुस्लिम परिवार पर बेरहम हमला किया. हमले में पीड़ित परिवार के रिश्तेदार समेत 11 लोगों को गंभीर चोटें आई थी. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. यह वीडियो पीड़ित के परिवार के एक सदस्य ने इमारत की तीसरी मंजिल से बनाया था.