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हरियाणा के रेवाड़ी में अपने स्कूल को अपग्रेड करवाने के लिए अनशन पर बैठी वो बच्चियां तो आपको याद होंगी जोकि स्कूल जाते हुए रोजाना ही छेड़खानी का शिकार होती थीं.
छेड़खानी से परेशान होकर उन्होंने अनशन शुरु किया और अपने स्कूल को ही अपग्रेड करवा लिया ताकि उनको अपने गांव से 3 किलोमीटर दूर स्कूल न जाना पड़े.
रेवाड़ी की घटना महज एक उदाहरण है लेकिन हरियाणा में हर गांव और शहर की लड़कियों को किस कदर राह चलते छेड़छाड़ का शिकार होना पड़ता है, यह बात एक सर्वे में सामने आई है.
हरियाणा पुलिस ने एक ऑनलाइन सर्वे करवाया था, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोगों से राय मांगी गई थी.
इस सर्वे में कई तरह के सवाल पूछे गए थे. हरियाणा पुलिस के इस ऑनलाइन सर्वे में करीब 30 हजार लोगों ने अपनी राय रखी और राय रखने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं और लड़कियों की ही है. सर्वे के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. आंकड़ों के मुताबिक, स्कूल-कॉलेज जाते हुए करीब 32 प्रतिशत महिलाओं को छेड़खानी का सामना करना पड़ता है.
बाजार जाते हुए करीब 27 प्रतिशत, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में करीब 20 प्रतिशत, पार्क में करीब 16 प्रतिशत और ऑफिस और दफ्तर में करीब 4 प्रतिशत महिलाओं को छेड़खानी का सामना करना पड़ता है.
इस सर्वे के नतीजों के मुताबिक, महिलाओं ने बताया कि उनके लिए यात्रा करते हुए सरकारी रोडवेज बस सबसे अधिक अनसेफ है.
इस सर्वे की रिपोर्ट को हरियाणा पुलिस ने बेहद ही गंभीरता से लिया है. हरियाणा पुलिस के एडीजीपी मोहम्मद अकील ने बताया कि ये सर्वे कराने के पीछे मंशा ये थी कि महिलाओं के साथ छेड़खानी की वारदातों को ठीक से समझा जा सके और फिर उस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए पुलिस एक रोड मैप बना सके.