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हाथरस गैंगरेप: निर्भया की मां बोलीं- सरकारें आती-जाती हैं, हकीकत नहीं बदल रही

इंडिया टुडे टीवी से आशा देवी ने कहा कि इस घटना पर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है. मैं इन हालातों से गुजर चुकी हूं. मैं पीड़िता के परिवार और मां का दर्द समझ सकती हूं, लेकिन इन्हें इंसाफ के लिए खुलकर लड़ना होगा.

निर्भया की मां आशा देवी (फाइल फोटो) निर्भया की मां आशा देवी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:09 AM IST
  • हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद लोगों में गुस्सा
  • निर्भया की मां ने पीड़िता की मां को ढांढस बंधाया
  • कहा- इस हालात से गुजर चुकी हूं, दर्द समझती हूं

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद लोगों में गुस्सा है. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है. इस बीच निर्भया की मां आशा देवी ने पीड़िता की मां को ढांढस बंधाते हुए कहा है कि हम सब आपके साथ हैं.

इंडिया टुडे टीवी से आशा देवी ने कहा कि इस घटना पर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है. मैं इन हालातों से गुजर चुकी हूं. मैं पीड़िता के परिवार और मां का दर्द समझ सकती हूं, लेकिन इन्हें इंसाफ के लिए खुलकर लड़ना होगा. 

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पहले पुलिसवालों की होनी चाहिए जांच 

आशा देवी ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदल रही है. मुंह छिपाने से कुछ नहीं होगा, इंसाफ के लिए आवाज उठानी होगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले पुलिस कहती है कि रेप नहीं हुआ, अगर रेप नहीं हुआ तो मेडिकल जांच कराते. पुलिस के पास रिकॉर्ड नहीं है. ये कैसे संभव हो सकता है. इस घटना में पहले पुलिसवालों की जांच होनी चाहिए. 

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 के दिन राजधानी दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. 7 साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा हुई थी. इस इंसाफ की लड़ाई में निर्भया की मां ने पूरी ताकत झोंक दी थी. 

चार दरिदों ने की दरिंदगी 

14 सितंबर की सुबह हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बूलगढ़ी गांव में इस निर्भया कांड को चार लोगों ने अंजाम दिया था. युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा काट रही थी. चारा काटते-काटते वो अपनी मां से थोड़ी दूरी पर जा पहुंची. इसी बीच गांव के ही चार युवक वहां पहुंचे और लड़की को उसके दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए. जहां उन चारों ने उसके साथ दरिंदगी को अंजाम दिया था. 

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