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हाथरस पुलिस की ट्विटर पर सफाई, पीड़िता की जीभ काटने की बात नकारी

आरोप है कि रेप के बाद  दरिंदों ने युवती की जीभ भी काट दी थी. हालांकि, हाथरस पुलिस ने इससे इनकार किया है. पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से खबर फैलाई जा रही है कि पीड़िता की जीभ काटी गई. हाथरस पुलिस ने ट्वीट किया कि हम इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करते हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST
  • हाथरस गैंगरेप पर पुलिस ने जारी किया बयान
  • सोशल मीडिया के माध्यम से असत्य खबर फैलाई जा रही: पुलिस
  • 'हाथरस पुलिस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है'

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की शिकार हुई युवती की मंगलवार को मौत हो गई. दरिंदों ने पीड़िता के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. आरोप है कि रेप के बाद  दरिंदों ने युवती की जीभ भी काट दी थी. हालांकि, हाथरस पुलिस ने इससे इनकार किया है. पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से खबर फैलाई जा रही है कि पीड़िता की जीभ काटी गई, आंख फोड़ी गई तथा रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी. हाथरस पुलिस ने ट्वीट किया कि हम इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करते हैं. 

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पुलिस ने बयान जारी कर रहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से ये असत्य खबर सार्वजनिक रूप से फैलाई जा रही है कि पीड़िता की जीभ काटी गई, आंख फोड़ी गई और रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई थी. हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रमक खबर का खंडन करती है, जबकि सच्चाई ये है कि मेडिकल रिपोर्ट में जीभ काटने और आंख फोड़ने का कोई उल्लेख नहीं है. रीढ़ की हड्डी भी नहीं तोड़ी गई, बल्कि गला दबाने के कारण रीढ़ की हड्डी ठीक से काम नहीं कर रही थी तथा गर्दन दबाने पर दांतों के बीच में जीभ आ जाने के कारण चोट के निशान थे तथा पीड़िता ने विवेचक को अपना बयान भी बोलकर दर्ज कराया था.

जिलाधिकारी ने क्या कहा

वहीं, जिलाधिकारी का कहना है कि जीभ काटने की बात झूठी है. सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एससी/एसटी एक्ट के तहत हाथरस की बेटी को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है. साथ ही प्रशासन की ओर से यथासंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा है.

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इस बीच, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार रात को डॉक्टरों ने वेंटिलेटर का प्लग निकाल दिया था, क्योंकि सरकार चाहती थी कि पीड़िता की मौत हो जाए, क्योंकि वो एक दलित समुदाय की थी.

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता के साथ यहां पर कोई भी पुलिसवाला नहीं था. चंद्रशेखर आजाद आज पीड़िता के परिजनों से मिलने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल गए थे. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

 

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