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रेप केस: हाई कोर्ट ने स्वीकार की राम रहीम और साध्वियों की याचिका

रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम द्वारा पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया गया. इसके साथ ही दोनों साध्वियों द्वारा राम रहीम को उम्रकैद की सजा की मांग से संबंधित याचिक भी स्वीकार कर ली गई. वकील एसके गर्ग नरवाना ने बताया कि हाई कोर्ट में राम रहीम को निर्दोष बताया गया है.

राम रहीम राम रहीम
मुकेश कुमार/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 09 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम द्वारा पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया गया. इसके साथ ही दोनों साध्वियों द्वारा राम रहीम को उम्रकैद की सजा की मांग से संबंधित याचिक भी स्वीकार कर ली गई. वकील एसके गर्ग नरवाना ने बताया कि हाई कोर्ट में राम रहीम को निर्दोष बताया गया है.

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जानकारी के मुताबिक, 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का आरोप झेल रहा राम रहीम जेल से छूटने के लिए नए-नए दांव खेल रहा है. बीते 7 अक्टूबर को राम रहीम ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें उसने कोर्ट को बताया कि 1990 के बाद वह खुद नपुंसक हो गया था. इसी पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई है.

पोटेंसी टेस्ट नहीं कराने का आरोप

राम रहीम ने याचिका में कहा था कि उसके खिलाफ दर्ज रेप के सभी मामले फर्जी हैं. उसका सेक्सुअल पोटेंसी टेस्ट नहीं करवाया गया. इससे यह साबित होता कि वह शारीरिक संबंध नहीं बना सकता है. उसने दोनों साध्वियों के 6 साल बाद हलफनामा दर्ज होने पर सवाल उठाए हैं. गुमनाम पत्र लिखने वाली साध्वी के सामने न आने की भी बात कही है.

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कोर्ट ने CBI को जारी किया नोटिस

राम रहीम ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को निरस्त करने की मांग की है. उसका कहना है कि वह इन सभी मामलों में निर्दोष है और उसे जल्द रिहा किया जाए. हाई कोर्ट में रेपिस्ट बाबा राम रहीम की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया.

साध्वियों की याचिका भी स्वीकार

दूसरी तरफ, रेप की शिकार दोनों साध्वियों ने भी हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने राम रहीम को हुई 20 साल की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की है. इस याचिका को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. दोनों साध्वियों के सामने आने के बाद राम रहीम के कारनामे दुनिया के सामने आए और इसका खुलासा हुआ.

रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस माना

बताते चलें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को 20 साल की सजा सुना चुकी है. कोर्ट ने दो साध्वियों से रेप केस में अलग-अलग 10-10 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा 15-15 लाख रुपये दोनों मामलों में जुर्माना भी लगाया था. कोर्ट ने राम रहीम पर सख्त टिप्पणी करते हुए अपराध को रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर मानते हुए सजा दी थी.

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शारीरिक-मानसिक शोषण किया

सीबीआई कोर्ट ने कहा था कि जो लड़कियां उसको भगवान की तरह पूजती थीं, उसने उन्हीं के साथ घिनौनी हरकत की है. ऐसा करके दोषी ने उनका विश्वास तोड़ा है. पीड़ितों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया है. पीड़िता राम रहीम के संरक्षण में रहती थीं. वहां उनके साथ ये हरकत की गई. ये मामला कस्टोडियल रेप से कम प्रतीत नहीं हो रहा है.

रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस बताया

सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में राम रहीम पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए कहा था कि वो दया का हकदार नहीं है. कोर्ट का मानना था, 'दोषी ने खुद को भगवान के रूप में पेश किया और अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए मासूम लड़कियों के साथ रेप किया. यह मामला रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस की श्रेणी में आता है.'

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