
बिहार के गया जिले में होमगार्ड के एक जवान को डीएसपी साहब की मालिश से इनकार करना महंगा पड़ गया. मालिश करने से मना करने पर डीएसपी ने होमगार्ड को बेरहमी से बेल्ट के साथ पीटा. बाद में होमगार्ड को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मामला गया में अपने कारनामों से चर्चित हो चुके टिकारी के डीएसपी मनीष कुमार सिन्हा का है. होगमगार्ड का एक जवान सीताराम यादव उनके साथ तैनात है. डीएसपी ने होमगार्ड को उनके शरीर की मालिश करने का आदेश दिया. मगर जवान ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया.
होमगार्ड के जवान का इनकार करना डीएसपी को अखर गया. इस बात से नाराज होकर डीएसपी ने होमगार्ड के जवान को देख लेने की धमकी दे डाली. इसके बाद होमगार्ड का जवान सीताराम यादव अपने सहयोगियों के साथ बेल्हाड़ी मोड़ पर ऑन ड्यूटी था.
तभी क्रिकेट खेलने जा रहे डीएसपी मनीष कुमार उसे देखकर अपना आपा खो बैठे और होमगार्ड सीताराम यादव की बेल्ट से जमकर पिटाई कर दी. गंभीर रुप से घायल सीताराम यादव को इलाज के लिए शहर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डीएसपी के इस रवैये से नाराज होमगार्ड के जवानों का शिष्टमंडल स्थानीय थाने में शिकायत करने पहुंचा लेकिन थानाध्यक्ष ने मामला दर्ज करने से साफ मना कर दिया. इसके बाद होमगार्ड के जवानों का शिष्टमंडल गया की एसएसपी गरिमा मलिक से मिलने पहुंचा और उनसे पूरे मामले की शिकायत की.
एसएसपी ने मामले की जांच का जिम्मा एएसपी बलिराम चौधरी को सौंप दिया. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं डीएसपी मनीष कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. डीएसपी ने कहा कि होमगार्ड के जवान अपने कार्य में लापरवाही बरत रहे थे इसलिए उनपर कार्रवाई की गई.
उधर, होमगार्ड जवान संघ के अध्यक्ष मुंगेश्वर प्रसाद ने कहा कि एसएसपी ने अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो आंदोलानात्मक रुख अख्तियार किया जाएगा. साथ ही न्याय के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया जाएगा.
गौरतलब है कि टिकारी के वर्तमान डीएसपी मनीष कुमार सिन्हा मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात रह चुके हैं. मनीष अपने कारनामों के लिए गया में पहले से चर्चित हैं. इसी साल फरवरी माह में एक भट्टा मालिक कृष्णा सिंह के साथ अमानवीय व्यवहार के लिए उनका नाम सुर्खियों में आया था. डीएसपी के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत भी की गई थी.