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ऑनर किलिंग मामले में पंजाब की अदालत का बड़ा फैसला, आरोपी भाई को सुनाई फांसी की सजा

पंजाब की एक अदालत ने ऑनर किलिंग के एक मामले में आरोपी भाई को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने यह फैसला सुनाकर विकृत मानसिकता के शिकार लोगों के लिए कड़ा संदेश दिया है.

 ऑनर किलिंग मामले में आरोपी भाई को फांसी की सजा (प्रतीकात्मक फोटो) ऑनर किलिंग मामले में आरोपी भाई को फांसी की सजा (प्रतीकात्मक फोटो)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़ ,
  • 11 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

पंजाब की एक अदालत ने ऑनर किलिंग के एक मामले में आरोपी भाई को फांसी की सजा सुनाकर विकृत मानसिकता के शिकार लोगों को कड़ा संदेश दिया है. मानसा की जिला अदालत की सेशन जज मनदीप कौर पन्नू ने आरोपी भाई को दोषी मानते हुए अपनी टिप्पणी में कहा कि उसका अपराध जघन्य है. वह सख्त सजा का हकदार है और उसे किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता है. इस ऑनर किलिंग मामले में कुल 7 आरोपी थे, जिनमें से छह आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.

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मामला 2015 का है. मानसा के फत्ता मलोका गांव के गुरप्यार सिंह और भम्भे कला गांव की सिमरजीत कौर ने 29 सितंबर 2014 को प्रेम विवाह किया था. सिमरजीत कौर सरकारी स्कूल में और गुरुप्यार सिंह एक निजी स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे, लेकिन सिमरजीत कौर के परिवार वालों को यह शादी मंजूर नहीं थी. 16 अप्रैल 2015 को जब गुरपयार सिंह और सिमरजीत कौर मोटरसाइकिल से स्कूल जा रहे थे, तो सिमरजीत के मामा के लड़के मखन सिंह समेत आधा दर्जन दूसरे लोग एक कार में सवार होकर आए और उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारी. जब दोनों जमीन पर गिर गए तो आरोपियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. गोली लगने से एक ओर जहां सिमरजीत कौर की मौके पर ही मौत हो गई थी, तो वहीं उसके पति ने भागकर जान बचाई.

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मानसा के थाना झुनीर में गुरप्यार सिंह की शिकायत के आधार पर 16 अप्रैल 2015 को मृतका के पिता गमदूर सिंह, मामा के पुत्र मक्खन सिंह, भाई सुखविंदर सिंह, बूटा सिंह, बच्ची सिंह, जगजीत सिंह और गगनदीप सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट और आईपीसी की धारा 302, 307, 427, 148 और 149 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था.

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