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Exclusive: हैदराबाद ब्लास्ट के दोषी यासीन भटकल की पत्नी ने कहा- बच्चों का पेट भरने तक के पैसे नहीं

साल 2013 के हैदराबाद ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने यासीन भटकल समेत 5 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है. यासीन भटकल को फांसी की सजा सुनाए जाने की खबर के बाद पहली बार भटकल की पत्नी सामने आई है. उसने कहा, 'मेरे पास अब बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी पैसे नहीं हैं.'

यासीन भटकल (फाइल फोटो) यासीन भटकल (फाइल फोटो)
राहुल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

साल 2013 के हैदराबाद ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने यासीन भटकल समेत 5 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है. यासीन भटकल को फांसी की सजा सुनाए जाने की खबर के बाद पहली बार भटकल की पत्नी सामने आई है. उसने कहा, 'मेरे पास अब बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी पैसे नहीं हैं.'

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आज तक के सहयोगी अखबार मेल टुडे ने यासीन भटकल की पत्नी जाहिदा इरशाद खान से बातचीत की. जाहिदा साउथ-ईस्ट दिल्ली में रह रही है. जाहिदा भटकल को फांसी की सजा सुनाए जाने पर बेबस नजर आई. उसने कहा, उसके पास अब अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी पैसे नहीं है. जाहिदा ने कहा, 'मेरी बड़ी बेटी को काफी तेज बुखार है. हमारी देखभाल के लिए अब कोई भी नहीं है. हमें हमारे हाल पर छोड़ दो.'

जाहिदा दिल्ली में 10 बच्चों के साथ रह रही है, जिनमें कुछ बच्चे जाहिदा और यासीन के हैं. यासीन के बारे में पूछे जाने पर उसने रोते हुए कहा कि, 'वो बेगुनाह है, उनके साथ और हमारे साथ ज्यादती मत करो.' जाहिदा ने कहा कि उसे अदालत में चल रहे केस के बारे में जानकारी नहीं थी. उसने बताया कि यासीन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे नहीं बताया था कि उसके पति को आखिर कहां रखा गया है.

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जाहिदा ने कहा कि भूख से तड़पते बच्चों को देखकर उसका मन करता है कि वह अपने बच्चों को जान से मार दे और खुद भी जान दे दे. जाहिदा ने बताया कि वह बच्चों को उर्दू पढ़ाया करती थी लेकिन उनके परिजनों को जब पता चला कि वो यासीन भटकल की पत्नी है, उन्होंने बच्चों को उसके पास भेजना बंद कर दिया. एनआईए जांच में खुलासा हुआ था कि जाहिदा के दिल्ली स्थित इसी पते पर साल 2013 में ईद के मौके पर यासीन ने जाहिदा के पास एक हजार डॉलर भेजे थे.

एनआईए के मुताबिक, 9 अगस्त, 2013 को ईद से पहले यासीन ने दो बार जाहिदा को कॉल किया था. हवाला के जरिए डॉलर घर भेजे जाने के बाद ही यासीन को नेपाल के पोखरा से गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 21 फरवरी, 2013 को दो धमाके हुए थे, जिनमें 8 लोगों की मौत हुई थी और 131 लोग घायल हो गए थे. अदालत ने इसी महीने की 13 दिसंबर को मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और एजाज शेख को दोषी ठहराया था. ब्लास्ट का मुख्य आरोपी और इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक रियाज भटकल अभी फरार है.

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