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जानिए, क्यों आतंकियों के निशाने पर है भारतीय रेल?

पिछले कुछ समय से भारतीय रेल लगातार आतंकियों के निशाने पर है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खास गुर्गे शमसुल हुदा ने बताया था कि भारतीय रेलों को सॉफ्ट टारगेट करके ज्यादा से ज्यादा टेरर प्लान को कामयाब बनाना ही आईएसआई की नई आतंकी रणनीति है.

पिछले साल से भारतीय रेलवे आतंकियों के निशाने पर है पिछले साल से भारतीय रेलवे आतंकियों के निशाने पर है
राहुल सिंह
  • लखनऊ,
  • 07 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

पिछले कुछ समय से भारतीय रेल लगातार आतंकियों के निशाने पर है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खास गुर्गे शमसुल हुदा ने बताया था कि भारतीय रेलों को सॉफ्ट टारगेट करके ज्यादा से ज्यादा टेरर प्लान को कामयाब बनाना ही आईएसआई की नई आतंकी रणनीति है.

पिछले साल से भारतीय रेल लगातार आतंकी हमलों की गवाह बनी हुई है. बीते साल नवंबर में कानपुर के पास हुए इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात सामने आई थी. इस मामले में तीन लोगों को अरेस्ट किया गया था. एक आरोपी मोतीलाल पासवान ने बताया था कि ट्रेन ट्रैक को उड़ाने के लिए प्रेशर कुकर बम का इस्तेमाल किया गया था.

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दरअसल पिछले साल उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो ट्रेन हादसे हुए थे. हालांकि प्रारंभिक जांच में रेल पटरी में दरार को मुख्य कारण बताया गया था, लेकिन बिहार के मोतिहारी में दो लोगों की हत्या के सिलसिले में छह लोगों की गिरफ्तारी के बाद इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बात सामने आई थी.

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के दो युवक अरुण राम और दीपक राम के शव नेपाल में 28 दिसंबर को मिले थे. अरूण और दीपक की हत्या महज इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि उन्हें पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन में एक अक्टूबर को रेलवे ट्रैक पर बम ब्लास्ट करना था लेकिन वह दोनों इस आतंकी साजिश में नाकाम हो गए थे. दोनों को नेपाल बुलाकर उनकी हत्या कर दी गई और उनकी हत्या के फोटो और वीडियोज दुबई में बैठे मास्टरमाइंड शमसुल हुदा को भेजे गए.

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फिलहाल इन आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड शमसुल हुदा को नेपाल पुलिस ने बीते महीने दुबई से गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद भारतीय जांच एजेंसियां भी कई बार हुदा से पूछताछ कर चुकी है. पूछताछ में हुदा ने भारतीय रेल को निशाना बनाए जाने के पीछे आईएसआई का हाथ बताया था. हुदा को भारत लाने के लिए एजेंसियां पुरजोर कोशिशों में जुटी हैं मगर अभी तक कानूनी अड़ंगों की वजह से हुदा को भारत नहीं लाया जा सका है.

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