
मुंबई की बायकुला महिला जेल में बंद शीना मर्डर केस की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी सहित करीब 200 कैदियों के खिलाफ दंगा फैलाने का मामला मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त संजय सक्सेना ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने नागपाड़ा पुलिस थाने से मामला अपने हाथ में ले लिया है.
पुलिस ने दावा किया था कि इंद्राणी मुखर्जी ने एक कैदी की मौत के बाद अन्य कैदियों को दंगा फैलाने के लिए उकसाया था. दोषी मंजू गोविंद शेट्टे की मौत को लेकर प्रदर्शन के बाद दंगा फैलाने और अपराधों के लिए नागपाड़ा पुलिस ने इंद्राणी सहित बायकुला जेल में बंद करीब 200 कैदियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
जेल अधिकारियों ने मंजू (45) की कथित रूप से पिटाई की थी. इसके बाद 23 जून की रात जे जे सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नाराज महिला कैदियों ने अगले दिन प्रदर्शन किया था. इनमें से कुछ जेल की छत पर चढ़ गईं, जबकि कुछ ने दस्तावेजों को जला दिया.
कैदियों का आरोप है कि जेल की महिला अधिकारियों ने मंजू की बेरहमी से पिटाई की जिसके कारण उसकी मौत हो गई. पुलिस ने दावा किया था कि इंद्राणी ने कैदियों को भड़काया था. मंजू की मौत को लेकर छह जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. हत्या के आरोप में उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले के बाद इंद्राणी मुखर्जी ने जेल प्रशासन के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. उनका मुंबई के जेजे अस्पताल में मेडिकल जांच हुआ, जिसमें उनके शरीर पर चोट के निशान मिले हैं. इंद्राणी ने जेल प्रशासन पर अपने साथ मारपीट और यौन शोषण की धमकी का आरोप लगाया है.
इसके बाद इंद्राणी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था. उनके वकील ने स्पेशल सीबीआई कोर्ट में एक याचिका दायर कर इंद्राणी को सुरक्षा देने की मांग की थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इंद्राणी को जेल प्रशासन के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराने की इजाजत दे दी. पुलिस को मेडिकल के बाद बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था.