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चोटी कटने का सिलसिला जारी, पुलिस के हाथ खाली, फैल रही हैं इस तरह की अफवाहें

अभी तक चोटी काटने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें एक बात समान है कि सभी महिलाओं की चोटी घर के अंदर ही कटी है. किसी भी शख्स को आते-जाते नहीं देखा गया. कुछ लोगों ने किसी अनोखी शक्ति या फिर शैतान का जिक्र जरूर किया लेकिन अभी तक कोई पुख्ता बात सामने नहीं आ सकी है, लिहाजा पुलिस के हाथ खाली हैं.

चोटी काटने वाले 'भूत' का रहस्य बरकरार चोटी काटने वाले 'भूत' का रहस्य बरकरार
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

दिल्ली के छावला गांव से शुरू हुई चोटी काटने की रहस्यमयी गु्त्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है. दिल्ली से गुड़गांव, समूचा एनसीआर, राजस्थान, मध्य प्रदेश और फिर अब यूपी भी इस रहस्य की जद में आ गया है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. हर जगह हो रही वारदात के पीछे पुलिस बहुत हद तक शक जता रही है कि इन घटनाओं के पीछे जरूर घर के किसी सदस्य का ही हाथ है या फिर कहीं महिलाएं खुद ही तो अपनी चोटियां नहीं काट रही हैं?

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अभी तक किसी ने देखा 'चोटी चोर'

अभी तक चोटी काटने के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें एक बात समान है कि सभी महिलाओं की चोटी घर के अंदर ही कटी है. किसी भी शख्स को आते-जाते नहीं देखा गया. कुछ लोगों ने किसी अनोखी शक्ति या फिर शैतान का जिक्र जरूर किया लेकिन अभी तक कोई पुख्ता बात सामने नहीं आ सकी है, लिहाजा पुलिस के हाथ खाली हैं.

तीन बच्चियों की कट गईं चोटियां

चोटी काटे जाने का ताजा मामला मायापुरी के नांगलराया इलाके का है, जहां एक ही परिवार की तीन बच्चियों की चोटियां काटे जाने की खबर है. चोटी किसने काटी, यह एक रहस्य बना हुआ है लेकिन हां, इस घटना ने परिवार के दिलों में ऐसी खौफनाक दहशत भर दी है कि परिवार जागते हुए रातें बिताने को मजबूर है.

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फोरेंसिक टीम भी हैरान

छावला स्थित कांगनहेड़ी गांव में तीन महिलाओं की चोटी काटे जाने वाले मामले की जांच कर रही फोरेंसिक टीम का कहना है कि दो महिलाओं के बाल कैंची से काटे गए हैं. हालांकि अभी तक एक्सपर्ट्स किसी भी नतीजे तक नहीं पहुंच सके हैं. वहीं पुलिस इस मामले में तंत्र-मंत्र, जादू-टोने की बात से भी इनकार नहीं कर रही है.

क्या पीड़ित महिलाएं मनोरोगी हैं?

पुलिस की जांच जहां तक पहुंची है उसके मुताबिक, हो सकता है कि जिन महिलाओं की अभी तक चोटी कटी है वह मनोरोगी हो. सवाल कई है मसलन, अगर महिलाओं ने खुद अपनी चोटी काटी तो कोई कैंची या दूसरी ऐसी कोई चीज मिलती? क्या पता कैंची में बाल लगे हुए हो? अगर मान भी लें कि पीड़ित महिलाएं मनोरोगी हैं, तो क्या वह खुद अपनी चोटी काटने के बाद कैंची को साफ करके रख देती होंगी.

ऐसे मामले कहलाते हैं 'मास हिस्टिरिया'

बहरहाल मुंह नोंचवा, मंकी मैन जैसी घटनाओं के बाद चोटी काटे जाने से जुड़ी 'मास हिस्टिरिया' की यह घटना लगातार फैलती ही जा रही है. अगर यह घटनाएं बस लोगों का वहम मात्र है तो गौरतलब यह है कि जिस तरह से मुंह नोंचवा पकड़ा नहीं जा सका, मंकी मैन कहां चला गया.. उसी तरह से चोटी काटने वाला ये शख्स आखिर कब लोगों के जेहन से निकलेगा, इसका सभी को इंतजार है.

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