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पाकिस्तानी मेडिकल छात्रा को ISIS ने बना दिया 'ब्यूटी बम'

पाकिस्तान की एक मेडिकल छात्रा पिछले दो महीने से लापता थी. उसे ढूंढ़ लाने के लिए घर वाले प्रदर्शन कर रहे थे. उस लड़की को ढूंढ़ने के बाद एक दिन पहले जब पाकिस्तानी फौज ने उसे लेकर खुलासा किया तो उसके घरवाले ही नहीं बल्कि पूरा पाकिस्तान सकते में आ गया. डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली लड़की ISIS से प्रभावित होकर आत्मघाती बम बन चुकी थी. उसकी साजिश ईस्टर पर धमाका करने की थी.

ISIS आतंकी नौरीन जबर लेघारी ISIS आतंकी नौरीन जबर लेघारी
मुकेश कुमार
  • इस्लामाबाद,
  • 18 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

पाकिस्तान की एक मेडिकल छात्रा पिछले दो महीने से लापता थी. उसे ढूंढ़ लाने के लिए घर वाले प्रदर्शन कर रहे थे. उस लड़की को ढूंढ़ने के बाद एक दिन पहले जब पाकिस्तानी फौज ने उसे लेकर खुलासा किया तो उसके घरवाले ही नहीं बल्कि पूरा पाकिस्तान सकते में आ गया. डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली लड़की ISIS से प्रभावित होकर आत्मघाती बम बन चुकी थी. उसकी साजिश ईस्टर पर धमाका करने की थी.

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नाम- नौरीन जबर लेघारी
उम्र- 20 साल
पढ़ाई- मेडिकल की छात्रा
तारीफ- ISIS की आतंकवादी, पाकिस्तान की ब्यूटी बम

बीस साल की इस खूबसूरत लड़की के बारे में आगे आपको कुछ बताएं आप खुद इसकी जुबान से इसका सच सुन लीजिए. नौरीन जबर लेघारी कहती है, 'मेरा नाम नौरीन है. मैं हैदराबाद से ताल्लुक रखती हूं. मेरे पिता का नाम अब्दुल जब्बार है, जो कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. मैं खुद लियाकत मेडिकल यूनिवर्सिटी में सेकेंड ईयर की छात्रा हूं. मुझे किसी ने अगवा नहीं किया.'

वह बताती है, 'मैं अपनी मर्जी से लौहार के लिए रवाना हुई थी. अली का शुरू से ही दहदशतगर्द बनने का मंसूबा था. जैसे कि हमला करना, इंटेलिसेंज के लोगों को अगवा करना. उसके साथ अब्बू फौजी नाम का लड़का था, जो उसके साथ कार्रवाइयों में शामिल था. इनके लिए अप्रैल में ही तंजीम ने सामान मुहैया कराया था. इसमें 2 जैकेट और 4 हैंड ग्रेनेड और गोलियां थीं.'

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'इन जैकेट का ईस्टर के दिन किसी चर्च में इस्तेमाल किया जाना था. इसके लिए मुझे इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन इससे पहले ही 14 अप्रैल की रात को सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे घर पर छापा मार दिया. मैं पकड़ी गई.' यहां तक तो सब ठीक है. लेकिन सच इतना ही नहीं है. इससे आगे का जो सच है वो बेहद भयावह है. इसे सुनकर हर पाकिस्तानी खौफजदा है.

पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी आसिफ गफूर के मुताबिक, नौरीन आईएसआईएस की आतंकी है. वो ईस्टर के मौके पर लाहौर में आत्मघाती धमाका करने आई थी. अपने कबूलनामे में नौरीन ने भी माना है कि उसका इस्तेमाल आत्मघाती बम के रूप में होना था. नौरीन को शनिवार को लाहौर में आतंकियों पर कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया था.

हैदराबाद की रहने वाली नौरीन 10 फरवरी को अचानक लापता हो गई थी. उसके घरवालों ने इस बाबत पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी. बताया जाता है कि करीब दो महीने सीरिया में गुजारने के बाद आतंकी वारदात को अंजाम देने वो छह दिन पहले ही लाहौर आई थी. लेकिन, खुफिया एजेंसी की नजरों से बच नहीं पाई. आत्मघाती हमले से पहले उसे धर दबोचा.

20 साल की मेडिकल छात्रा नौरीन लेघारी जब सिंध प्रांत के जामशोरो के लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस जाया करती थी, तब उसके चाल-चलन से किसी को जरा भी शक नहीं था कि उसके इरादे क्या हैं. लियाकत मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी नौशाद शेख नौरीन को याद कर बताते हैं कि वो बेहद सामान्य सी लड़की थी और सिर्फ पढ़ाई से वास्ता रखती थी.

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हालांकि कहा जाता है कि पिछले साल से ही नौरीन में बदलाव दिखने लगा था. वो इंटरनेट पर तारिक नामक आतंकी के संपर्क में थी, जिसने उसका ब्रेनवॉश कर आतंकतवाद की तरफ धकेल दिया. वो अचानक बुर्का पहनने लगी और पांचों वक्त नमाज पढ़ने लगी. उसके बर्ताव में इस बदलाव की खबर उसके घरवालों को भी दी गई थी. लेकिन, घरवालों को यकीन नहीं हुआ.

10 फरवरी को यूनिवर्सिटी से लापता नौरीन बगदादी की सेना में शामिल हो चुकी है. इसका खुलासा पिछले महीने हुआ, जब नौरीन ने तारिक नामक आतंकी के फेसबुक प्रोफाइल से पिछले महीने एक संदेश मिला था. इसमें कहा गया था कि वो खलीफ की सरजमीं पर पहुंच गई है. नौरीन को तारिक नामक आतंकी ने हथियार चलाना सिखाया और बम धमाके के टिप्स दिए.

अपने फेसबुक मैसेज में नौरीन ने लिखा था, 'भाई मैं नौरीन हूं. उम्मीद है आप सब खैरियत से होंगे. मैं भी खैरियत से हूं. मैं सिर्फ ये बताने के लिए आपको मैसेज किया है कि मैं अल्लाह के फजल से खिलाफत की सरमजीं में हिजरत करके पहुंच चुकी हूं. अल्लाह से उम्मीद करती हूं कि आप लोग भी कभी ना कभी जरूर हिजरत करेंगे. इंशाअल्लाह.'

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