Advertisement

आईटीबीपी में भर्ती कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़

छत्तीसगढ़ पुलिस ने आईटीबीपी और सेना भर्ती के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह का नेटवर्क देश के तकरीबन आठ राज्यों में फैला था. छापेमारी के दौरान पुलिस को इस गिरोह के पास से बीस लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं. खास बात यह है कि इस गैंग के पास से बरामद लैपटॉप में इस तरह की परीक्षाएं देने वाले सारे अभ्यार्थियों की लिस्ट थी.

पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है
परवेज़ सागर/सुनील नामदेव
  • बलोद,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 9:39 PM IST

छत्तीसगढ़ पुलिस ने आईटीबीपी और सेना भर्ती के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह का नेटवर्क देश के तकरीबन आठ राज्यों में फैला था. छापेमारी के दौरान पुलिस को इस गिरोह के पास से बीस लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं. खास बात यह है कि इस गैंग के पास से बरामद लैपटॉप में इस तरह की परीक्षाएं देने वाले सारे अभ्यार्थियों की लिस्ट थी.

Advertisement

बलोद के छात्रों का लगाया चूना
इस गैंग के कारनामों का खुलासा तब हुआ, जब इसने छत्तीसगढ़ के बलोद जिले में रहने वाले पांच छात्रों को ठगा. ये सभी छात्र आईटीबीपी में प्रवेश की तैयारी कर रहे थे और इससे पहले इस परीक्षा में नाकाम हो चुके थे. इस गैंग के सदस्यों ने इन अभ्यार्थियों से संपर्क करके पांच लाख रुपये में आईटीबीपी में भर्ती कराने का झांसा दिया था. छात्रों ने अपने सपनों को साकार करने के लिए दो-दो लाख रुपये इस गैंग के बताए अकाउंट में जमा भी करा दिए थे.

सेंटर पहुंचने पर हुआ ठगी का अहसास
पैसे जमा करने के बाद इनके पास आईटीबीपी की तरफ से एक आधिकारिक पत्र मिला जिसमें इनके ज्वाइनिंग की बात कही गई थी. ये सभी छात्र खुशी-खुशी आईटीबीपी के उधमपुर और ग्वालियर केंद्र पर पहुंचे तो सारे मामले का खुलासा हुआ. हताश होकर ये सभी वापस अपने घर आए और पूरी बात अपने परिजनों को बताई. बात पुलिस तक पहुंची. इस पूरे मामले को सुनने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों के भी पैरों तले जमीन ज़मीन खिसक गई. पुलिस ने फौरन धोखाधड़ी का केस दर्ज करते हुए मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की.

Advertisement

लोकेशन ट्रेस कराने के लिए जमा किए पैसे
इस टीम ने उन पांचों से बाकी के पैसे भी जमा करने को कहा जिससे उनकी वर्तमान लोकेशन ट्रेस हो सके. पैसे जमा करते ही, उन्होंने पैसे निकाल लिए और इसी दौरान पुलिस की साइबर सेल ने उनकी लोकेशन ट्रेस कर ली. पुलिस ने उस जमा रकम के आधार पर ठगों के ठिकानों का पता लगाया और उन्हें धर दबोचा. इनके ठिकानों पर दबिश दी गई तो वहां मौजूद ठगी के उपकरणों को देख कर पुलिस की आंखे भी फटी की फटी रह गयी.

फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र बरामद
ठगों के लैपटॉप में आईटीबीपी से लेकर सेंट्रल पुलिस ऑर्गनाइजेशन में शामिल सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस तक में भर्ती के लिए परीक्षा देने वाले नौजवानों का पूरा ब्यौरा मिला है. इतना ही नहीं आईटीबीपी के नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र के साथ ही 20 लाख की नकद रकम भी पुलिस ने बरामद की है. पुलिस ने इन सभी के सामान को कब्जे में लेते हुए गैंग के सारे सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.

कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया कि इन लोगों ने यह मकड़जाल सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब तक में फैला रखा है. इनके बैंक खाते दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, कोलकाता, मणिपुर, शिमला और अहमदाबाद तक में पाए गए हैं. फिलहाल पुलिस इनके और साथियों की तलाश में है क्योंकि इनके पास से बरामद सबूतों से इस बात की आशंका बढ़ गई है कि ये गिरोह बड़े ही संगठित तरीके से ठगी की वारदातों को अंजाम देता था.

Advertisement

84 लोगों को लगा चुका है चूना
बताते चलें कि सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही पांच जिलों में ठगों के इस गिरोह ने 84 नौजवानों को चूना लगाया है. प्रत्येक परीक्षार्थी से प्रारंभिक रूप से दो-दो लाख रूपये की रकम जमा करवाई गई है. ठगे जाने के बाद कई लड़कों ने बदनामी से बचने के लिए रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई. कई ऐसे भी परीक्षार्थी थे जिन्होंने अपना भविष्य संवारने के फेर में खुद-ब-खुद इस गैंग से संपर्क किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement