
पठानकोट हमले पर एनआईए ने सोमवार को मोहाली की स्पेशल कोर्ट में 101 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में बताया गया है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने अप्रैल, 2014 में पठानकोट हमले का प्लान बनाया गया था. इसके लिए आतंकियों ने बकायदा गूगल मैप की मदद ली थी.
चार्जशीट के मुताबिक, पठानकोट एयरबेस के चारों तरफ जंगल से घिरा होने की वजह से आतंकियों के लिए यह सॉफ्ट टारगेट था. जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मौलाना मसूद अजहर , उसके भाई अब्दुल रउफ असगर, लांचिंग कमांडर शाहिद लतीफ और हैंडलर कासिफ जान ने हमलावरों को गूगल मैप के जरिए एयरबेस की जानकारी दी थी.
चार्जशीट में दर्ज की गई इस बात की जानकारी उस मीटिंग में मौजूद शाहिद लतीफ ने दी थी. चार्जशीट के मुताबिक, हमलावरों में एक आतंकी को 'मेजर' कहकर बुलाया जा रहा था, जो घुसपैठ के दौरान पाकिस्तान में बैठे 'उस्ताद जी' से लगातार फोन पर बातचीत कर रहा था. मेजर कह रहा था कि वो और उसके साथी एक बेहतर संगठन (जैश-ए-मोहम्मद) के साथ जुड़े हैं.
फोन पर एयरबेस के रास्ते की ले रहे थे जानकारी
मेजर ने आगे कहा, मौलाना मसूद अजहर ने उन्हें इस्लाम से वाकिफ करवाया है. घुसपैठ के दौरान आतंकी लगातार अजहर, अब्दुल रउफ का नाम ले रहे थे. चार्जशीट में कहा गया है कि आतंकी भारत में घुसते ही पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स से फोन पर एयरबेस के रास्ते के बारे में जानकारी ले रहे थे. चार्जशीट के मुताबिक, जिस नंबर 923453030479 (पाकिस्तानी नंबर) से आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आका से निर्देश ले रहे थे, वह नंबर कासिफ जान के फेसुबक प्रोफाइल से जुड़ा हुआ पाया गया.
हमले का कोड वर्ड था 'निकाह' और आतंकी थे 'बाराती'
वहीं कथित नंबर आईएमओ (वीडियो मैसेंजर) पर भी कासिफ जान की प्रोफाइल से जुड़ा हुआ मिला. साथ ही कासिफ जिस 'क्यू मोबाइल' कंपनी का स्मार्ट फोन प्रयोग कर रहा था वह भी पाकिस्तान बेस्ड कंपनी है. चार्जशीट में कहा गया है कि पठानकोट आतंकी हमले का कोड वर्ड 'निकाह' था और आतंकियों को 'बाराती' कहकर बुलाया जा रहा था. कासिफ के फेसबुक चैट में जो खुलासे हुए उसके मुताबिक, हमले के दौरान भारतीय जवानों की मौत के बाद आतंकी एक-दूसरे को बधाई मैसेज भेज रहे थे.
आतंकियों के पास से मिले थे दो नोट्स
एनआईए की चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हमलावर आतंकी बताना चाहते थे कि इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है. इसके लिए बकायदा आतंकी हाथ से लिखे हुए दो नोट्स लेकर आए थे, जो अंग्रेजी और उर्दू में लिखे हुए थे. इन नोट्स में तंगधार, सांबा, कठुवा और अफजल गुरु की मौत का बदला लेने से जुड़ी कई बातें लिखी हुई थी.