कठुआ केस: जब दोषियों को बचाने के लिए निकली थी तिरंगा यात्रा, चली गई थी मंत्रियों की कुर्सी

कठुआ रेप केस को जब भी याद किया जाएगा तो इसकी कई तस्वीरें जहन में आएंगी. ये वो मामला था जिसने पूरे देश को भावुक कर दिया था, आम आदमी से लेकर बॉलीवुड का सुपरस्टार बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए सामने आया.

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कठुआ कांड का आरोपी सांझी राम (फोटो: रायटर्स) कठुआ कांड का आरोपी सांझी राम (फोटो: रायटर्स)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में जब 8 साल की बच्ची के साथ पहले गैंगरेप और बाद में हत्या की घटना सामने आई. तो हर किसी के रौंगटे खड़े हो गए, ये घटना ऐसी थी कि जिसने सुना वो कांप गया. सोमवार को पठानकोट की एक विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया और सात में से 6 आरोपियों को दोषी करार दिया. हालांकि, एक आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया.

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कठुआ रेप केस को जब भी याद किया जाएगा तो इसकी कई तस्वीरें जहन में आएंगी. ये वो मामला था जिसने जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश को रुलाया, आम आदमी से लेकर बॉलीवुड का सुपरस्टार बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए सामने आया. लेकिन इस घटना के साथ कुछ ऐसा भी जुड़ा है जो आजतक कभी नहीं हुआ. इस मामले में जिन लोगों का नाम सामने आया था, उनके समर्थन में स्थानीय लोगों ने एक तिरंगा यात्रा निकाली थी.

जिसमें लोग तिरंगा हाथ में लेकर सामने आए थे, समर्थन में रैली भी हुई थी. जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता और तत्कालीन पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री भी शामिल हुए थे. लाल सिंह (वन मंत्री) और चंद्र प्रकाश (वाणिज्य मंत्री) ने आरोपियों के समर्थन में बयान दिया तो बवाल हो गया. राजनीतिक बवाल बढ़ा तो मंत्रियों को इस्तीफा तक देना पड़ा.

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एक तरफ बॉलीवुड समेत पूरा देश इंसाफ की गुहार लगा रहा था, तो वहीं राज्य सरकार के मंत्री आरोपियों को बचाने की वकालत कर रहे थे. इसलिए मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ा.

ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि इस मसले ने धार्मिक रंग भी लिया. क्योंकि मुस्लिम बच्ची के साथ रेप हुआ था और वो भी मंदिर में. पिछले साल 10 जनवरी को 8 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर कथित तौर पर एक मंदिर में उसे 3 दिन तक बंधक बनाकर रखा. इस मामले की साजिश रचने वाला सांझी राम था, उसका साथ पुलिसवालों ने भी दिया था.

फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान पीड़ित बच्ची को भांग और नशीली दवाओं का ओवरडोज देकर अचेत रखा गया था. अब करीब 18 महीने बाद इस मामले पर फैसला आया है, अदालत ने इंसाफ के लिए फैसला सुनाया है.

मामले की जो चार्जशीट सामने आई थी उसके मुताबिक, पीड़िता की 13 जनवरी को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. और 16 जनवरी को पीड़िता का शव इलाके में ही फेंक दिया गया था. पुलिस ने बताया था कि 7 दिनों तक लगातार अत्याचार सहने के बावजूद पीड़िता इसलिए मदद के लिए चीख पुकार नहीं मचा सकी, क्योंकि किडनैप किए जाने के थोड़ी ही देर बाद आरोपियों ने बच्ची को भांग खिला दी थी.

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