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आर्मी फायरिंग रेंज की जानकारी लीक करता था SDM का स्टेनो, यूपी ATS ने किया अरेस्ट

सेना की विभिन्न यूनिट प्रेक्टिस के लिए इस रेंज पर आती थी जिसकी जानकारी राघवेंद्र जुटाता था, यह 2009 से झांसी के एसडीएम कार्यालय में तैनात था. जानकारी जुटाने के लिए राघवेंद्र खुद को बबीना में नियुक्त मेजर बताता और फोन के जरिए संवेदनशील सूचानाएं लेता था.

मामले की जांच में जुटी एटीएस मामले की जांच में जुटी एटीएस
अनुग्रह मिश्र
  • लखनऊ,
  • 08 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 4:41 AM IST

यूपी एटीएस ने जासूसी के एक संदिग्ध मामले में झांसी एसडीएम के स्टोनो राघवेंद्र अहिरवार को गिरफ्तार किया है, जिसपर जासूसी का मुकदमा चलेगा. यह जासूस झांसी एसडीएम कार्यलय से आर्मी यूनिट से फ़ायरिंग रेंज की सूचना लीक किया करता था. राघवेंद्र की चार्जशीट बनाकर ATS जल्दी ही कोर्ट में इसकी पेशी करेगी.

झांसी की बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में कई आर्मी की यूनिट फ़ायरिंग रेंज पर आती थीं. राघवेंद्र पर आरोप है कि यह उनकी जानकारी दूसरे एजेंट को लीक किया करता था. साथ ही सेना के अभिलेखों की जानकारी भी अपने पास रखता और उन्हें अन्य लोगों के साथ साझा करता था. जानकारियां लीक करने के लिए आरोपी सीएम बॉक्स इंटरनेट का इस्तेमाल किया करता था. इस मामले में झांसी के एसडीएम से भी पूछताछ की जा रही है.

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दरअसल सेना की विभिन्न यूनिट प्रेक्टिस के लिए इस रेंज पर आती थी जिसकी जानकारी राघवेंद्र जुटाता था, यह 2009 से झांसी के एसडीएम कार्यालय में तैनात था. जानकारी जुटाने के लिए राघवेंद्र खुद को बबीना में नियुक्त मेजर बताता और फोन के जरिए संवेदनशील सूचानाएं लेता था. 2009 से राघवेंद्र किसी मेजर को सारी सूचनाएं लीक कर रहा था. जिस नंबर से इसके पास कॉल आता था उस नंबर पर वापस लौट कर कॉल करने की सुविधा नहीं थी.

एटीएस अब मामले की जांच में जुट गई है. जांच की जा रही है कि इस अवधि के दौरान नियुक्त सभी एसडीएम की क्या-क्या भूमिका रही है. साथ ही इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि और कौन लोग इस काम से जुड़े हो सकते हैं. जांच में इंटरनेट कॉल को भी ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है.

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