
तबरेज मॉब लिचिंग मामले की बुधवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में सरायकेला के एसडीएम ने विस्तृत रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट के मुताबिक, तबरेज की मौत के जिम्मेदार डॉक्टर और पुलिसकर्मी हैं. दोनों ने स्वीकृति बयान को हल्के में लिया. इसके साथ ही एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
रांची हाईकोर्ट के सामने डोरंडा मामले में किए गए एफआईआर की जानकारी दी गई. हाई कोर्ट ने उसी रात हुई चाकूबाजी पर रिपोर्ट न देने पर फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें चाकूबाजी से संबंधित जानकरी क्यों नहीं दी गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.
पिछले महीने बाइक चोरी में हाथ होने की आशंका के चलते लोगों के एक समूह ने तबरेज अंसारी को पीटा और उनसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा था. घटनास्थल से उनके दो साथी भागने में कामयाब हो गए थे, जिन्हें पुलिस अभी तक खोज नहीं पाई है.
मारपीट की घटना के एक हफ्ते बाद अंसारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. उनकी हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो दिन पहले सरायकेला पुलिस को सौंपी गई. जांच के दौरान यह पाया गया है कि तबरेज अंसारी को बचाने के लिए दो थानों के प्रभारी अधिकारी ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं दी. स्थानीय ग्राम प्रधान ने पुलिस को घटना के बारे में देर रात 2 बजे सूचित किया लेकिन वे 6 बजे घटनास्थल पर पहुंचे.
सूत्रों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, जिन डॉक्टरों ने तबरेज का इलाज किया, उन्होंने ठीक से नहीं जांचा. एक्स-रे रिपोर्ट में उनकी सिर की हड्डी टूटी हुई पाई गई लेकिन ब्रेन हैमरेज के लिए उनका इलाज नहीं किया गया. उन्हें जेल भेज दिया गया. अंसारी की हत्या को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.