Advertisement

झारखंड मॉब लिंचिंग: 5 हत्यारोपी गिरफ्तार, गोपनीय रिपोर्ट में पुलिस की अलग थ्योरी!

आरोप है कि अंसारी पिछले सोमवार को बाइक से जमशेदपुर से वापस आ रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. उन्हें पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई की और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया.

तबरेज अंसारी के घर में मातम पसरा हुआ है (फोटो- ANI) तबरेज अंसारी के घर में मातम पसरा हुआ है (फोटो- ANI)
परवेज़ सागर
  • रांची,
  • 24 जून 2019,
  • अपडेटेड 12:30 AM IST

झारखंड के सरायकेला जिले में बीते सप्ताह हुई मॉब लिंचिंग के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी पप्पू मंडल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. एक वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई थी, जिसमें मंडल और उसके साथी पेड़ से बंधे अंसारी को पीटते हुए नजर आ रहे थे.

झारखंड पुलिस ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले सरायकेला जिले के धातकीडीह गांव में बाइक चुराने के आरोप में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की थी. रविवार को अस्पताल में पीड़ित की मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, उसके पास से चोरी हुई बाइक के अलावा कई और चीजें मिली हैं.

Advertisement

अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सरायकेला पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है. जिसमें आरोप लगाया गया कि अंसारी पिछले सोमवार को बाइक से जमशेदपुर से वापस आ रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. उन्हें पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई की और 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया.

वहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार, पहले अंसारी ने खुद को 'सोनू' बताकर बचने की कोशिश की. इसके बाद हालांकि उसने अपना असली नाम बता दिया. इसी के बाद भीड़ ने उस पर 'जय श्री राम' बोलने के लिए दबाव डाला गया. पिटाई के बाद भीड़ ने उसे पुलिस को सौंप दिया था. पुलिस उसे थाने ले गई.

हालांकि, उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और रविवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई. अंसारी की पत्नी ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने वक्त रहते चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराई, जिससे अंसारी की मौत हो गई.

Advertisement

सरायकेला के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस. ने मृतक अंसारी के परिवार से मुलाकात की और उसकी पत्नी की एफआईआर के आधार पर ही मुख्य आरोपी मंडल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया. राजनीतिक पार्टियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है.

तबरेज अंसारी के परिवारवालों ने इस मामले को मर्डर केस में तब्दील करने और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग भी की है.

पुलिस के गोपनीय विभाग की रिपोर्ट

उधर, झारखंड पुलिस के गोपनीय विभाग की रिपोर्ट की कॉपी आज तक के हाथ लगी है. जो कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक बीती 18 जून को रात के 2:30 बजे सरायकेला थाना क्षेत्र के सीनी शिविर के तहत आने वाले इलाके में तबरेज अंसारी निवासी ग्राम कदमडीहा को धातकीडीह के ग्रामीणों ने उस वक्त पकड़ा था, जब वह अपने साथी नुमैर अली और शेख इरफान के साथ मिलकर कमल मेहतो के घर में चोरी की मंशा से घुसने की कोशिश कर रहा था. उसके दो साथी मौके से भाग निकले, लेकिन तबरेज पकड़ा गया और उसे जमकर पीटा गया.

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को 18 जून की सुबह पांच बजे मिली. पुलिस मौके पर पहुंची और तबरेज को बचाया. पुलिस ने उसे प्राथमिक चिकित्सा दी. पुलिस ने वहां से चोरी का स्कूटर और अन्य सामान बरामद किया.

Advertisement

इस बीच धातकीडीह के ग्रामीणों ने तबरेज समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. तबरेज अंसारी को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक 22 जून की सुबह अचानक तबरेज की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें फौरन सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

तबरेज की मौत के बाद उनकी पत्नी और परिजनों ने पप्पू मंडल और अन्य लोगों के खिलाफ मॉब लिंचिंग और जय श्री राम बुलवाने का दबाव बनाने का मुकदमा दर्ज कराया. 22 जून को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और उसी शाम पप्पू मंडल को गिरफ्तार कर लिया. उसे न्यायलय में पेश किया गया और जेल भेजा गया.

23 जून को पुलिस अधीक्षक ने स्थानीय थाना पुलिस की लापरवाही के मामले में जांच के आदेश दिए. 24 जून की सुबह लींचिंग के अन्य चार आरोपियों कमल महतो, प्रेमचंद माहली, भीम मंडल और सोनामु प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, 24 जून को आतंरिक जांच की रिपोर्ट आने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरॉव और सहायक अवर निरीक्षक विपिन बिहारी सिंह को कार्य में लापरवाही बरतने, घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारीयों को समय से सूचना नहीं देने और लिंचिंग का केस दर्ज नहीं करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement