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दिल्लीः CISF के जवान पर JNU के छात्र की पिटाई का आरोप

दिल्ली में जेएनयू के एक छात्र ने सीआईएसएफ जवान के ऊपर मारपीट का आरोप लगाया है. आरोपी जवान राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर तैनात है. घटना के समय पीड़ित मेट्रो पकड़ने के लिए स्टेशन गया था. छात्र के मुताबिक, पिटाई के बाद जवान ने उसे पाकिस्तान भेजने की बात भी कही थी. हांलाकि, सीआईएसएफ ने इन आरोपों को खारिज किया है.

इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं
परवेज़ सागर/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 9:22 PM IST

दिल्ली में जेएनयू के एक छात्र ने सीआईएसएफ जवान के ऊपर मारपीट का आरोप लगाया है. आरोपी जवान राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर तैनात है. घटना के समय पीड़ित मेट्रो पकड़ने के लिए स्टेशन गया था. छात्र के मुताबिक, पिटाई के बाद जवान ने उसे पाकिस्तान भेजने की बात भी कही थी. हांलाकि, सीआईएसएफ ने इन आरोपों को खारिज किया है.

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मामला राजीव चौक मेट्रो स्टेशन का है. जेएनयू में पढ़ने वाले एक 22 वर्षीय छात्र अमन सिन्हा ने इस मामले के बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था. उसके मुताबिक, मेट्रो स्टेशन पर चेकिंग के दौरान सीआईएसएफ जवान ने उसे कान से ईयरफोन निकालने के लिए कहा था. लेकिन अमन ने ईयरफोन नहीं निकाले, जिस वजह से दोनों में बहस हो गई. इसके बाद एक दूसरा जवान उससे कहने लगा की आप देश का नाम खराब कर रहे हो.

जिसके बाद, जवानों ने अमन को पाकिस्तान भेजने की बात कही क्योंकि उसके चेहरे पर दाढ़ी थी. बाद में जवान उसे एक लंबे रास्ते से खींचकर सुरक्षा कार्यालय ले गए. वहां न कोई दूसरा शख्स था न कोई सीसीटीवी कैमरा. वहां जवान ने उसकी मां के लिए अश्लील शब्द कहते हुए पीटना शुरू कर दिया. इस घटना को अमन ने फोन से रिकॉर्ड किया था. लेकिन जवानों ने उसका मोबाइल छीनकर सब कुछ डिलीट कर मोबाइल फेंक दिया.

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जब इस बारे में सीआईएसएफ अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने पिटाई की बात को नकार दिया. उनके मुताबिक, युवक को महज सुरक्षा बलों के साथ गलत व्यवहार की वजह से माफीनामा लिखने को कहा गया था. वह ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शोएब और पीसी भट्ट के साथ बहस करने लगा था. उसे सिर्फ ईयरफोन हटाने को कहा गया था जो दिल्ली मेट्रो में समान्य सुरक्षा जांच है. लेकिन उसने जवानों के साथ बदतमीजी की जिसके बाद उसे मेट्रो नियंत्रण कक्ष ले जाया गया.

एक अधिकारी के मुताबिक, सीसीटीवी रिकॉर्ड के आधार पर यह पूरी घटना 30 मिनट में खत्म हो गई थी. जिसके बाद छात्र को भेज दिया गया था. फिलहाल इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

 

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