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हैदराबाद ब्लास्ट केस: 13 दिसंबर को सुनाएगी विशेष अदालत अपना फैसला

हैदराबाद के दिलसुखनगर सीरियल ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत 13 दिसंबर को अपना फैसला सुना सकती है. इस सीरियल ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे, जबकि 131 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

दो सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया था हैदराबाद दो सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया था हैदराबाद
आशीष पांडेय/राहुल सिंह
  • हैदराबाद,
  • 21 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

हैदराबाद के दिलसुखनगर सीरियल ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत 13 दिसंबर को अपना फैसला सुना सकती है. इस सीरियल ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे, जबकि 131 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

हैदराबाद का दिलसुखनगर इलाका 21 फरवरी, 2013 की शाम दो सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया था. पहला धमाका शाम 7:02 मिनट पर कोणार्क सिनेमा के पास हुआ था. इसके ठीक 4 मिनट बाद वेंकटाद्री थियेटर के पास दूसरा धमाका हुआ था. इन धमाकों में 17 लोग मारे गए थे, जबकि 131 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

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24 अगस्त, 2015 को इस मामले में ट्रायल शुरु किया गया था. अदालत में दायर की गई चार्जशीट में कुल 6 आतंकियों का नाम था, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक समेत 5 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. सभी आरोपी इस वक्त हैदराबाद की चेरलापल्ली जेल में बंद हैं. इस मामले में 157 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे.

गौरतलब है कि मामले की पड़ताल में एनआईए ने इंडियन मुजाहिद्दीन के 6 आतंकियों को ब्लास्ट का आरोपी माना था. ऐसा माना जाता रहा है कि मुख्य आरोपी रियाज भटकल भारत में बैठे अपने साथी आतंकियों को पाकिस्तान से दिशा-निर्देश दे रहा था. पकड़े गए 5 आरोपियों के नाम असदुल्लाह अख्तर (यूपी), जिया-उर-रहमान (पाकिस्तान), तहसीन अख्तर (बिहार), यासीन भटकल (कर्नाटक) और एजाज शेख (महाराष्ट्र) हैं.

बता दें कि यासीन भटकल भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन के मुख्य सरगना के रुप में जाना जाता है. गौरतलब है कि हाल ही में हुए भोपाल सेंट्रल जेल मामले को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने राज्य की सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है. वहीं ब्लास्ट के फैसले के मद्देनजर हैदराबाद स्थित चेरलापल्ली जेल की सुरक्षा की पूरी तरह से चाक-चौबंद कर दी गई है.

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