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कानपुर: 66 हजार करोड़ की धोखाधड़ी करने वाली कंपनी का एक और फर्जीवाड़ा

शाइन सिटी की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे में तमाम कस्टमर्स के नाम और उनके मोबाइल नंबर दिए गए और यह दावा किया गया कि इन निवेशकों के पैसे या तो लौटा दिए गए हैं या उन्हें जमीनें दे दी गई हैं. हलफनामे में जो सूची दी गई थी, क्रॉस चेक करने पर उनमें से ज्यादातर जानकारी फर्जी पाई गई हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 18 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:05 AM IST

66 हजार करोड़ के फर्जीवाड़े में शामिल कंपनी शाइन सिटी के सीएमडी का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. ये धोखाधड़ी कानपुर के पोल स्टार सिटी रियल स्टेट प्रोजेक्ट में की गई. यहां रेरा का लाइसेंस खत्म होने के बाद तकरीबन 850 रजिस्ट्री कर दी गईं.

प्रोजेक्ट में लगभग 330 प्लॉट ही हैं, लेकिन 850 रजिस्ट्री कर दी गईं. यानी लाइसेंस खत्म होने के बाद भी प्लॉट बेचे गए हैं. कई प्लाट एक से ज्यादा लोगों को भी बेच दिए गए हैं. 

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शाइन सिटी की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे में तमाम कस्टमर्स के नाम और उनके मोबाइल नंबर दिए गए और यह दावा किया गया कि इन निवेशकों के पैसे या तो लौटा दिए गए हैं या उन्हें जमीनें दे दी गई हैं. 

हलफनामे में जो सूची दी गई थी, क्रॉस चेक करने पर उनमें से ज्यादातर जानकारी फर्जी पाई गई हैं. जिन निवेशकों को पैसा या प्लॉट दिए जाने का दावा किया गया, उनमें से ज्यादातर ने ऐसा कुछ भी होने से साफ इंकार किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. कानपुर के पोल स्टार प्रोजेक्ट की जमीनों की रजिस्ट्री जिन 850 लोगों को की गई है. उनसे पैसे शाइन सिटी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के बैंक अकाउंट में जमा कराए गए. 

पैसा जमा होते ही इसे भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया.  भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के 68 लाख में से 58 लाख शेयर शाइन सिटी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने खरीद रखे हैं. 

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इसके अलावा 75-75 हजार शेयर सीएमडी राशिद नसीम की पत्नी सलमा परवीन और उसके छोटे भाई आसिफ नसीम की पत्नी जीनत फातिमा के नाम पर हैं.

इस तरह से भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड भी पूरी तरह से शाइन सिटी के कब्जे में आ गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर गहरी नाराजगी जताई.

मामले की जांच कर रही तीनों केंद्रीय एजेंसियों ईडी -ईओडब्ल्यू और एसएफआई को भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड जैसी फर्जी कंपनियों की कोई जानकारी नहीं थी. इस पर कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाई. 

हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए ईओडब्ल्यू के डायरेक्टर जनरल, ईडी के डायरेक्टर और SFIA के डायरेक्टर को व्यक्तिगत रूप से अगली सुनवाई पर कोर्ट में तलब कर लिया है. 

तीनों जांच एजेंसियों के मुखिया को 4 नवंबर को कोर्ट में इन पर्सन मौजूद रहना होगा. जांच एजेंसियों को कोर्ट में यह बताना होगा कि आखिरकार उनकी जांच इतनी धीमी क्यों है?

उनकी जांच में फर्जीवाड़ा करने वाले भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का खुलासा क्यों नहीं हुआ. अदालत ने सुनवाई के दौरान लखनऊ जेल में बंद शाइन सिटी के डायरेक्टर व राशिद नसीम के भाई आसिफ नसीम द्वारा अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी दूसरे को ट्रांसफर किए जाने के मामले पर एक बार फिर जताई नाराजगी.

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अदालत ने इस मामले में गहराई से छानबीन किए जाने के निर्देश दिए. लखनऊ जेल के अधीक्षक ने आज इस मामले में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी. आज की सुनवाई में राशिद नसीम के प्रत्यर्पण के मामले में भी कोर्ट में हुई चर्चा.

अदालत ने केंद्रीय एजेंसियों को राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी कर उसे दुबई से भारत लाए जाने के निर्देश दिए. आज की सुनवाई में निवेशकों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने कई अहम दस्तावेज कोर्ट के सामने पेश किए. 

निवेशकों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने शाइन सिटी कंपनी की एसबीसी का व्हाइट पेपर में कोर्ट में पेश किया. कंपनी ने साल 2018 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत की थी. इसमें कंपनी के 17 लाख सदस्य बनाए गए थे. 12.5 करोड़ शेयर इस कंपनी के जारी किए गए थे. 

कंपनी के टोकन शेयर की कीमत ₹135 रखी गई थी. निवेशकों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने आज कोर्ट को एक और अहम जानकारी दी. उन्होंने दस्तावेज पेश किया कि मलेशिया की पावरलेक्स कंपनी को भी शाइन सिटी कंपनी की फ्रेंचाइजी दी गई है. 

6 अप्रैल 2018 को मलेशिया के क्वालालामपुर में होटल हिल्टन में हुई बैठक में पावरलैक्स कंपनी को फ्रेंचाइजी दी गई. ढाई करोड़ एसबीसी मलेशिया में जारी की गई. हर एसबीसी की कीमत दो डालर रखी गई थी. 

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एक और जानकारी दी गई कि कई बैंक खाते सीज होने के बाद राशिद नसीम ने कुछ दूसरी कंपनियां अलग नाम से खोल दी हैं. हाई कोर्ट में आज जस्टिस राजेश बिंदल की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में हुई मामले की सुनवाई.

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