
काली कमाई के कुबेरों पर केंद्र का चाबुक तेजी से चल रहा है. ताजा मामले में सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस और डीआरआई ने बुधवार की रात कानपुर के कारोबारी योगेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. उन पर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े का आरोप है. कालेधन की जब्ती के मुद्दे पर केंद्रीय एजेंसियों की ये सबसे बड़ी गिरफ्तारी बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल एक्साइज और डीआरआई के जांच दल ने आरके पुरम ऑफिस में योगेश अग्रवाल से 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ की थी. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. योगेश अग्रवाल ने मामले में कई बड़े सफेदपोश लोगों की संलिप्तता का भी खुलासा किया है. उन सभी लोगों पर जल्द कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है.
आरोप है कि कारोबारी योगेश अग्रवाल रिमझिम इस्पात ग्रुप का मालिक है. उसने आधा दर्जन से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाकर 2300 करोड़ रुपये का बोगस लेन-देन किया. इस पर 256 करोड़ रुपये की ड्यूटी बनती है, लेकिन वह अरसे तक एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकता रहा. गुरुवार दोपहर योगेश की मजिस्ट्रेट के सामने पेशी हुई, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.