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अचानक सामने आया कानपुर गोलीकांड का आरोपी विकास दुबे, एनकाउंटर का था डर!

शम्स ताहिर खान के विश्लेषण के मुताबिक विकास दुबे को एनकाउंटर से बचने के लिए एक न्यूट्रल स्टेट और एक न्यूट्रल पुलिस चुननी थी. इसके लिए वो लगातार अलग-अलग राज्यों में भाग रहा था.

विकास दुबे गिरफ्तार (फोटो- एएनआई) विकास दुबे गिरफ्तार (फोटो- एएनआई)
शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

  • गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से पकड़ा गया
  • कानपुर गोलीकांड का आरोपी है विकास

कानपुर गोलीकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा जा चुका है. विकास दुबे के तीन साथियों का यूपी पुलिस एनकाउंटर भी कर चुकी है. इसके बाद 9 जुलाई की सुबह विकास दुबे पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इस दौरान विकास दुबे चिल्लाता रहा कि मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला.

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हालांकि अब विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर क्यों उज्जैन में पकड़े जाने के बाद विकास दुबे चीख-चीख कर अपनी पहचान बताता रहा? विकास दुबे ने सरेंडर किया या उसकी गिरफ्तारी हुई? इस पूरे मामले का विश्लेषण करते हुए आजतक के सीनियर एक्जक्यूटिव ए़डिटर शम्स ताहिर खान ने बताया कि विकास दुबे को डर था कि यूपी पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है. वहीं विकास दुबे को अपनी जान बचानी थी.

यह भी पढ़ें: कार से उज्जैन पहुंचा था विकास दुबे, करीबियों से संपर्क कर ऑफ कर देता था फोन

शम्स ताहिर खान ने बताया कि 'मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला' ये लाइन बताती है कि विकास दुबे साफ तौर पर ये बताना चाह रहा था कि वो विकास दुबे है और वो जिंदा पकड़ा गया है. विकास दुबे को पता था कि जिंदा पकड़े जाने के बाद उसका एनकाउंटर नहीं हो सकता. इसलिए उसने सही वक्त और सही जगह चुनी. महाकाल के मंदिर में भी सीसीटीवी कैमरे हैं, जहां पूरी घटना रिकॉर्ड हुई.

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शम्स ताहिर खान के विश्लेषण के मुताबिक विकास दुबे को एनकाउंटर से बचने के लिए एक न्यूट्रल स्टेट और एक न्यूट्रल पुलिस चुननी थी. इसके लिए वो लगातार अलग-अलग राज्यों में भाग रहा था. वकीलों से भी संपर्क कर रहा था. इस पूरे मामले में विकास का मकसद था कि उसका एनकाउंटर न हो और वो जिंदा पकड़ा जाए, जिसमें विकास दुबे पूरी तरह से कामयाब रहा. वहीं अगर पुलिस कस्टडी में एनकाउंटर होता है तो सवाल भी उठते हैं.

प्रशासन को नहीं थी खबर

शम्स ताहिर खान का कहना है इस पूरे मामले में गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि सुबह तक उज्जैन की पुलिस या उज्जैन के प्रशासन तक को विकास दुबे की मौजूदगी के बारे में कोई खबर नहीं थी. सिलसिलेवार तरीके से देखें तो विकास दुबे अचानक आया, अचानक कुछ लोगों को उस पर शक हुआ और उसके बाद वो आम लोगों की और कैमरे की मौजूदगी में ये ऐलान करता है कि हां मैं हूं विकास दुबे और मैं अब गिरफ्तार हो रहा हूं.

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