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कानपुर: बदमाशों को लग गई थी भनक, तीन तरफ से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग

कानपुर में देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. सात पुलिसकर्मी घायल भी हैं. घटना कानपुर के बिकरू गांव की है.

कानपुर पुलिस (फाइल फोटो) कानपुर पुलिस (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 03 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:22 AM IST

  • कानपुर में बदमाशों ने की फायरिंग
  • सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद

कानपुर में देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. एडीजी जय नारायण सिंह ने घटना की पुष्टि की है. सात पुलिसकर्मी घायल भी हैं. घटना कानपुर के बिकरू गांव की है. पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी

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शहीद होने वालों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव भी शामिल हैं. बताया गया है कि विकास और उसके साथियों की फायरिंग में एसओ बिठूर, एक दरोगा समेत कई पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी. दो सिपाहियों के पेट में गोली लगी, जिन्हें गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कैसे हुई पूरी वारदात

गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने मिलकर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी. डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी को जेसीबी लगाकर गांव के बाहर रोक दिया. जैसे ही पुलिसकर्मी गाड़ी से बाहर निकले, तो पहले से घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी.

बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके 8 से 10 साथियों ने पुलिस पर तीन ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं. पुलिसकर्मियों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई, लेकिन अंधेरे के कारण बदमाश भागने में कामयाब हुए.

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एसओ कौशलेंद्र के एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी. इसके अलावा सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं. सेंगर और शिवमूरत के पेट में गोली लगी. दोनों की हालत गंभीर है.

बदमाशों को पहले से लग गई थी भनक

सूत्रों ने बताया कि जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी. जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया. पुलिस ने बताया कि विकास दुबे खूंखार अपराधी है, जिस पर 2003 में शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था. बाद में वह इस केस से बरी हो गया था. इसके अलावा विकास पर प्रदेश भर में दो दर्जन से ज्यादा गंभीर केस दर्ज हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कानपुर नगर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 8 पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. सीएम योगी ने अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने और तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

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