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महंगी गाड़ियों का शौकीन है विक्रम कोठारी, बैंक अफसरों को देता था आलीशान पार्टी

कोठारी काफी महंगे शौक रखता था और बैंक अफसर उसकी आलीशान जिंदगी देख रौब में आ जाते थे. महंगी गाड़ियों और पार्टियां देने के शौकीन विक्रम कोठारी ने पिछले 10 साल में बैंकों को पूरी योजना के तहत करोडो का चूना लगाया.

4000 करोड़ का बैंक फ्रॉड करने वाला विक्रम कोठारी 4000 करोड़ का बैंक फ्रॉड करने वाला विक्रम कोठारी
शिवेंद्र श्रीवास्तव/आशुतोष कुमार मौर्य
  • कानपुर,
  • 20 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

देश के कई बैंकों को करीब 3700 करोड़ रुपये का चूना लगा चुके कानपुर की मशहूर पेन कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी ने किस तरह बैंकों का पैसा हजम किया, इस संबंध में अहम खुलासा हुआ है. दरअसल विक्रम कोठारी बैंक के बड़े-बड़े अफसरों को आलीशान पार्टियां दिया करता था.

कोठारी काफी महंगे शौक रखता था और बैंक अफसर उसकी आलीशान जिंदगी देख रौब में आ जाते थे. महंगी गाड़ियों और पार्टियां देने के शौकीन विक्रम कोठारी ने पिछले 10 साल में बैंकों को पूरी योजना के तहत करोडो का चूना लगाया.

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जानकारी के मुताबिक कोठारी अपनी पार्टियों में बैंकों के बड़े-बड़े अधिकारियों को भी बुलाता था. उसकी पार्टी में और भी जाने-माने लोग आते थे. यह सब देख बैंक अधिकारी कोठारी के रौब में आ जाते थे और लोन चुकाने के लिए उस पर ज्यादा जोर नहीं देते थे.

विक्रम कोठारी को डॉलर सट्टेबाजी का भी शौक था. कुछ साल पहले कोठारी को डॉलर ट्रेडिंग में कई सौ करोड़ का नुकसान हुआ था. उसी के बाद विक्रम कोठारी के सितारे गर्दिश में आना शुरू हो गए. दरअसल विक्रम कोठारी मशहूर पान पराग कंपनी के संस्थापक एमएम कोठारी के बेटा है.

एमएम कोठारी के दो बेटे हैं, विक्रम कोठारी और दीपक कोठारी. सन 2000 में पिता की सम्पत्ति का बंटवारा हुआ तो दीपक कोठारी के हिस्से में पान पराग और यस मिनरल वॉटर कंपनियों का बिजनेस आया, जबकि विक्रम कोठारी के हिस्से में आई रोटोमैक पेन कंपनी का बिजनेस.

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बताते हैं कि इसके अलावा विक्रम ने पिता की संपत्ति से मिले प्रॉपर्टी और करोड़ों की नकदी का बड़ा डॉलर ट्रेडिंग, सट्टेबाजी और रिस्क मॉर्केट में लगा दिए, हालांकि वहां उसे घाटा ही हाथ लगा. सूत्रों के मुताबिक इस घाटे से निबटने के लिए विक्रम कोठारी ने फर्जी पॉर्टी वैल्यू दिखाकर सात बैंको से लोन उठाए.

विक्रम कोठारी ने बैंकों से लिए लोन को रियल स्टेट बिजनेस में भी लगाया. कानपुर शहर का पहला रेव-3 मॉल भी विक्रम कोठारी ने बैंक से लिए इसी लोन के पैसे बनवाया. इसके अलावा विक्रम कोठारी ने कानपुर में ही रियल एस्टेट प्रोजेक्ट एमरॉल्ड सिटी में भी निवेश किया. हालांकि डॉलर ट्रेड में नुकसान के बाद विक्रम कोठारी ने इस प्रोजेक्ट में अपने शेयर बेच दिए.

महंगी गाड़ियों का शौक भी विक्रम कोठारी को कम नहीं है. कानपुर के तिलक नगर में स्थित उसके बंगले में खड़ी नारंगी रंग की पोर्से कार बताती है कि साठ के करीब उम्र में भी विक्रम कोठारी रफ्तार के कितने शौकीन हैं.

जानकारी के मुताबिक कोठारी के पास बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और ऑडी जैसीं गाड़ियों का पूरा काफिला है. सूत्रों के मुताबिक बैंकों की शिकायत के बाद से ही मामला मीडिएशन मे चल रहा है, जिसमे विक्रम कोठारी बार-बार लोन चुकाने का वादा करते रहे हैं.

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लेकिन हकीकत यह है कि अगर विक्रम कोठारी की सारी संपत्ति और बैंक बैलेंस भी जब्त कर वसूली करने की कोशिश की जाए, तो भी कोठारी के पास इतना पैसा नहीं है जिससे वह सात राष्ट्रीय बैंकों का करीब 4000 करोड़ रुपये का लोन चुका सकें.

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