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कानपुर: विकास दुबे को था एनकाउंटर में मारे जाने का डर, पुलिस दबिश की पहले से जानकारी

जांच कर रही पुलिस ने आरोपी विकास दुबे के जानने वाले असलहाधारी लोगों के यहां छापेमारी की है. हालांकि ज्यादातर लोग फरार हैं.

फाइल फोटो-PTI फाइल फोटो-PTI
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 04 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

  • गैंगेस्टर विकास दुबे को शक था कि पुलिस उसका एनकाउंटर न कर दे
  • आरोपी विकास दुबे ने हथियारों के साथ अपने परिचितों को बुलाया था

कानपुर गोलीकांड मामले में नया खुलासा हुआ है. जांच के मुताबिक आरोपी विकास दुबे को पुलिस दबिश की जानकारी काफी पहले हो चुकी थी. उसको शक था कि कहीं पुलिस एनकाउंटर करके उनको मार न दे, इसलिए उसने गुरुवार को ही अपने कई परिचितों को घर पर हथियारों के साथ बुला लिया था.

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कानपुर देहात के रसूखदार इलाके मे चावल मिल चलाने वाले विकास दुबे के रिश्तेदार कमलेश को भी इसी तरह पहले ही बुलाया गया था. जब ये लोग वहां पहुंचे, तो विकास दुबे ने बताया कि पुलिस उसको मारने आ रही है. लिहाजा वो लोग उसके साथ रहें.

जांच कर रही पुलिस ने आरोपी विकास दुबे के जानने वाले असलहाधारी लोगों के यहां छापेमारी की है. हालांकि ज्यादातर लोग फरार हैं. वहीं, दूसरी ओर इस मामले में कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ेंः विकास दुबे पर 50 हजार का इनाम, मां बोली- बहुत गलत काम किया, मार दे पुलिस

दरअसल, जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस से जुड़े कुछ अफसरों ने अपराधी विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना दी थी. पुलिस की जांच में चौबेपुर के थानाध्यक्ष और कुछ सिपाहियों की अपराधी विकास दुबे से मिलीभगत की जानकारी सामने आई है.

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सूत्रों के मुताबिक विनय तिवारी से एसटीएफ ने पूछताछ की थी. जांच में पता चला है कि विनय तिवारी ने कुछ दिनों पहले विकास दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था. पुलिस अब विनय तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है.

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