
यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को मीराबाई मार्ग स्थित वीआइपी गेस्ट हाउस में ठहरे कर्नाटक के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) की बुधवार सुबह संदिग्ध हालात में मौत हो गई. इस पूरे मामले की जांच अभी चल रही है, लेकिन परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जताई है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक कैडर आईएएस अधिकारी अनुराग ने अपने विभाग में 2000 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया था. उन पर घोटाले को दबाने का दबाव बनाया जा रहा था.
अनुराग तिवारी यूपी के बहराइच के रहने वाले थे. उनकी भाभी सुधा तिवारी ने कहा कि अनुराग इतनी सुबह सोकर नहीं उठते थे. वह सुबह टहलने जाने के भी आदी नहीं थे. वह किन हालात में सुबह सड़क पर पहुंचे और उनकी मौत हो गई, इनको लेकर घरवाले सवाल उठा रहे हैं. उनके पिता डीएन तिवारी डिग्री कॉलेज के सेवानिवृत प्रोफेसर हैं. उनके दो बड़े भाई आलोक और मयंक इंजीनियर हैं. पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
वीसी के नाम से बुक था गेस्ट हाउस का कमरा
पुलिस के अनुसार, अनुराग कर्नाटक के नगवार में डायरेक्टर (फूड एंड सप्लाई) के पद पर तैनात थे. साल 2007 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग का बुधवार को ही जन्मदिन था. उन्हें प्लेन से वापस कर्नाटक जाना था. अनुराग रविवार को लखनऊ आए थे. यहां वीआइपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में ठहरे थे. कमरा एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के नाम बुक था. मंगलवार रात दोनों अधिकारी कमरा नंबर 19 में ही ठहरे थे. वीसी ने सुबह 6.30 बजे का अलार्म लगाया था.
वीआइपी गेस्ट हाउस के पास मिला था शव
हजरतगंज के इंस्पेक्टर आनंद शाही के मुताबिक, वीसी प्रभु नारायण सिंह बुधवार सुबह जब जागे, तब अनुराग कमरे में नहीं थे. उन्हें लगा कि अनुराग टहलने गए हैं. वह सुबह करीब 6.45 बजे बैडमिंटन खेलने चले गए थे और कमरे की चाबी रिसेप्शन पर दे दी थी, ताकि अनुराग के वापस आने पर उन्हें मिल जाए. पुलिस को सुबह करीब छह बजे किसी ने 100 नंबर पर वीआइपी गेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति के बीच सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली.
सामान्य मौत मानने को तैयार नहीं परिजन
मौके पर पहुंची पुलिस अनुराग को उठाकर अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनके पर्स से मिले विजिटिंग कार्ड के जरिए अनुराग की पहचान होने पर हड़कंप मच गया. आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना पाकर आईजी, डीएम और एसएसपी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और छानबीन में जुट गए. अनुराग की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. परिवार सामान्य मौत मानने को तैयार नहीं है.