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एक हफ्ते बाद कैसा है कासगंज? ‘आज तक’ ने ग्राउंड जीरो पर जाकर लिया जायजा

देश को झकझोर देने वाली कासगंज की घटना को एक हफ्ता बीच चुका है. धीरे धीरे कासगंज शहर अपनी पुरानी रफ्तार पर लौट आया है. दुकानें खुलने से बाजारों में चहल पहल है. सुबह बच्चों से भरे रिक्शे स्कूलों की ओर जाते देखे जा सकते हैं. कॉलेजों में जाने वाले छात्र शहर में शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. कासगंज का हर बाशिंदा यही दुआ कर रहा है कि इस शहर को फिर किसी की बुरी नजर ना लगे.  

कासगंज में जिंदगी पटरी पर लौट रही है कासगंज में जिंदगी पटरी पर लौट रही है
परवेज़ सागर/खुशदीप सहगल/आशुतोष मिश्रा
  • कासगंज,
  • 02 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

देश को झकझोर देने वाली कासगंज की घटना को एक हफ्ता बीच चुका है. धीरे-धीरे कासगंज शहर अपनी पुरानी रफ्तार पर लौट आया है. दुकानें खुलने से बाजारों में चहल पहल है. सुबह बच्चों से भरे रिक्शे स्कूलों की ओर जाते देखे जा सकते हैं. कॉलेजों में जाने वाले छात्र शहर में शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. कासगंज का हर बाशिंदा यही दुआ कर रहा है कि इस शहर को फिर किसी की बुरी नजर ना लगे.

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शहर में बेशक अमन लौट आया है लेकिन प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. अधिकारी फील्ड में डटे रह कर हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ियां अब भी शहर के कोने कोने में फ्लैग मार्च कर रही है. प्रशासन की कोशिश यही है कि किसी भी उपद्रवी तत्व को शहर में फिर कोई खुराफात करने का मौका ना मिले.

‘आज तक’ ने कासगंज में जगह-जगह जा कर लोगों से उनके दिल की बात जानने की कोशिश की. जानना चाहा कि कासगंज क्या फिर से अमीर खुसरो और तुलसीदास का कासगंज बन पाएगा? क्या यहां से गंगा जमुनी तहजीब का संदेश देश को फिर जा पाएगा?

‘आज तक’ संवाददाता ने कासगंज में उन तीनों जगहों का जायज़ा लिया जहां गणतंत्र दिवस वाले दिन शुरू हुई घटना हिंसक टकराव में बदल गई और गोली लगने से चंदन गुप्ता की जान चली गई, साथ ही नौशाद पैर में गोली लगने से घायल हुआ. घटना के एक हफ्ते बाद ‘आज तक’  ने सबसे पहले बाराद्वारी इलाके का रुख किया.

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यहीं से 26 जनवरी को चंदन गुप्ता और उसके साथी वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए निकला था. बाराद्वारी के लोगों को उम्मीद है कि हालात जल्दी ही ठीक हो जाएंगे. इस इलाके में दुकान चलाने वाले नवल कहते हैं कि हालात धीरे धीरे ठीक हो रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा.    

26 जनवरी को कासगंज में जो दुखद घटनाक्रम हुआ, उसकी दूसरी कड़ी था बडूनगर का इलाका. यहीं स्थित वीर अब्दुल हमीद चौक पर कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगने के बाद बवाल हुआ था. पुलिस ने बीते हफ्ते में बडूनगर में छापेमारी के बाद 6 लड़कों को हिरासत में लिया. घटना के एक हफ्ते बाद ‘आज तक’ वीर अब्दुल हमीद चौक पर पहुंचा तो वहां गलियों के मुहाने पर संगीनों के साथ पुलिसकर्मी पहरा देते दिखे. दुकानदार सामान्य दिनों की तरह काम धंधे में लगे थे तो सड़क पर बच्चे भी अकेले आते-जाते दिखे. बडूनगर में लोगों का यही कहना था कि हालात अब ठीक हो गए है और अमन-सुकून लौट आया है.

बडूनगर में मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. 26 जनवरी की घटना को लेकर ऐसे आरोप भी सामने आए थे कि यहां पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगे. इस तरह के आरोपों को लेकर ‘आज तक’ ने वीर अब्दुल हमीद चौक पर खड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात की. जो कुछ उन्होंने कहा, उनमें ये बातें अहम हैं.

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1. “अगर हिंदू और मुसलमान दोनों चाहे तो आपस की कड़वाहट खत्म हो जाएगी.”  

2. “हम पहल करना चाहते हैं. अगर हिंदू भाई 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा निकालना चाहते हैं तो हम उनके साथ हैं. हम चाहते हैं कि वे मुस्लिमों को भी अपने साथ लेकर चले. ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए जाएं तो हम उनसे पहले और उनसे आगे जाकर ऐसा करेंगे. ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ था है और हमेशा रहेगा.”  

3. “मुस्लिम सिर्फ अल्लाह के सामने सिर झुकाते हैं. वंदे मातरम का मतलब धरती के आगे झुकना है इसलिए हम धरती के आगे नहीं झुक सकते. लेकिन हम ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ कहते हैं और ‘जय हिंद’ भी कहते हैं. हम भी गाते हैं- ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा.’ ये बात हम पाकिस्तान की छाती पर चढ़कर बोलेंगे. साथ ही हजार दफा बोलेंगे- पाकिस्तान मुर्दाबाद.”  

4. "पाकिस्तान से हमारा कोई वास्ता नहीं. हम भारत में पैदा हुए यही पले बढ़े, आज़ादी की लड़ाई में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी साथ मिलकर लड़े और अंग्रेजों को यहां से भगाया. भारत हम सभी का देश है."

5. यहां पाकिस्तान के समर्थन में कोई नारे नहीं लगे थे. अगर हम पर कोई ऐसा आरोप लगा रहा है तो वो बिल्कुल गलत है. बडूनगर से हर इंसान सेना में भर्ती होना चाहता है और बताना चाहता है कि उसे हिंदुस्तान से कितना प्यार है.  

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बडूनगर में जिनसे बात की गई उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि यहां अधिकतर गरीब मजदूर, पल्लेदार रहते हैं. उन्हें हर दिन दो जून रोटी जुटाने की ही चिंता रहती है, वो क्या दंगा फसाद करेंगे.

बडूनगर के बाद ‘आज तक’  घटना की तीसरी कड़ी वाली जगह सूत मंडी पहुंचा. कासगंज के डीएम आर पी सिंह के बयान के मुताबिक तिरंगा यात्रा रोके जाने से नाराज युवा बदले की भावना से हाथों में झंडे और डंडे लिए यहीं पहुंचे थे. चंदन गुप्ता की हत्या में नामजद आरोपियों- सलीम, वसीम और नसीम का घर सूत मंडी के पास ही स्थित है. इनमें से सलीम को गिरफ्तार किया जा चुका है. कासगंज के डीएम के मुताबिक चंदन गुप्ता को गोली छत पर से मारी गई थी.

सामने आए सीसीटीवी फुटेज में भी कहानी कुछ ऐसी ही दिखाई देती है. जहां से घटना की तीसरी कड़ी का वीडियो बनाया गया, ‘आज तक’ वहां भी पहुंचा. सूत मंडी कलेक्ट्रेट के पास  स्थित इस इमारत की छत से ही वीडियो बनाया गया. बहरहाल, सूत मंडी में भी अब हालात पूरी तरह सामान्य दिखाई दिए.     

कासगंज में क्या हिन्दू, क्या मुसलमान, हर कोई यही चाहता है कि शहर में अमन-चैन हमेशा बना रहे. साथ ही राजनीति का वो जहर यहां से दूर ही रहे जो अपने फायदे के लिए इनसान को इनसान से बांटना चाहता है.

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