
केरल के कोट्टयम में ऑनर किलिंग को लेकर हत्या के मामले में दो पुलिस कर्मियों को हिरासत में लिया गया है. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे एर्नाकुलम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे ने बताया कि गांधीनगर पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक बीजू और पुलिस चालक अजय कुमार को हिरासत में लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, दोनों पुलिसकर्मियों पर 23 साल के केविन पी जोसेफ के अपहरण और हत्या में शामिल गिरोह के साथ संबंध का संदेह है. इस गिरोह ने 27 मई को जोसेफ का अपहरण कर लिया था. इसके एक दिन बाद कोल्लम जिले में एक नदी में उसका शव पाया गया. जोसेफ की मंगेतर के परिवार ने गिरोह को सुपारी दी थी.
बताया जा रहा है कि मंगेतर के पिता ईसाई और मां मुसलमान है. जोसेफ के परिजनों का आरोप है कि जोसेफ और उसकी मंगेतर के एक उप रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी के पंजीकरण के लिए संयुक्त आवेदन देने के दो दिन बाद जोसेफ को यातना दी गई और उसकी हत्या कर दी गई. इसके बाद पुलिस को जांच सौंपी गई थी.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया साक्ष्यों से पता चला कि हिरासत में लिए गए दोनों पुलिसकर्मियों के उस गिरोह से संबंध थे. दोनों से पूछताछ की जा रही है. उन्हें मामले में आरोपी के तौर पर पेश किया जा सकता है. इस घटना से केरल में हंगामा मच गया है और विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने एलडीएफ सरकार की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि अब तक 14 लोगों को नामजद किया गया है. उन पर 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) सहित आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. उनमें से पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें जोसेफ की मंगेतर के पिता चाको जॉन (50) और भाई स्यानू चाको (26) शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि जोसेफ के अपहरण में इस्तेमाल की गई कारें कोल्लम जिले के पुनलूर इलाके से आज जब्त की गईं. गांधीनगर पुलिस थाने के उप निरीक्षक एमएस शिबू और ग्रेड एएसआई सनीमोन को ढ़िलाई बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया. कोट्टायम के पुलिस निरीक्षक वीएम मो. रफीक का घटना के बाद तबादला कर दिया गया है.
जोसेफ की मंगेतर ने आरोप लगाया कि पुलिस से उन्हें न्याय नहीं मिला. उसने कहा कि उसने उप निरीक्षक से अपील की थी कि जोसफ का जीवन खतरे में है. उन्हें बचाया जाना चाहिए, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. वहीं केरल मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसे संदेह है कि यह मामला झूठी शान की खातिर हत्या (ऑनर किलिंग) का है.
मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृष्टया यह देखने में आया है कि इस घटना में पुलिस ने अपना धर्म नहीं निभाया और मामले में दोषी पाये गये पुलिसकर्मियों को सरकार नहीं बचाएगी. इस अपराध के दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा.