
बिहार में मधुबनी के जयनगर थाना क्षेत्र में बुधवार तड़के पुलिस के साथ मुठभेड़ में रंजीत महतो उर्फ रंजीत डॉन मारा गया. मृतक पर हत्या, अपहरण, डकैती के दर्जनों मामले दर्ज हैं. बिहार सरकार ने इस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. घटनास्थल से दो कार्बाइन, भारी मात्रा में कारतूस और एक मैगजीन बरामद हुई है.
पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि कुख्यात रंजीत गोबराही गांव में किसी घटना को अंजाम देने के लिए यहां छिपा हुआ है. इसी आधार पुलिस ने गांव की घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार करना चाहा, तब उसने गोलीबारी करनी शुरू कर दी. बिहार पुलिस द्वारा की गई जवाबी कारवाई में रंजीत डॉन मौके पर ही मारा गया.
बताते चलें कि मधुबनी के इस रंजीत महतो का नाम बिहार के लखीसराय जिले के कुख्यात अपराधी रंजीत मंडल उर्फ रंजीत डॉन की तर्ज पर रखा गया था. लखीसराय के एक छोटे से गांव बोधनगर में पैदा हुआ रंजीत मंडल जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह था, जो फिलहाल बिहार पुलिस की गिरफ्त में सलाखों के पीछे है.
अंतर्राज्यीय अपहरण गिरोह का सरगना
रंजीत मंडल बड़े-बड़े व्यवसायियों को उनके साथ व्यापार करने का लालच देता था. उन्हें मिलने के लिए बुलाता था. फिर फिरौती के लिए उनका अपहरण कर लेता था. यही उसका मुख्य धंधा था. रंजीत डॉन अंतर्राज्यीय अपहरण गिरोह का सरगना बन चुका था. उसका कारोबार न सिर्फ बिहार बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल और यूपी में भी फल-फूल रहा था.
सांसद के रिश्तेदार का किया अपहरण
हाल में उसका नाम दिल्ली के बड़े मार्बल कारोबारी के दो बेटों का अपहरण करने के बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आया था. करीब चार साल पहले रंजीत मंडल उर्फ रंजीत डॉन का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसने 2012 में हरियाणा के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद जगवीर सिंह मल्लिक के रिश्तेदार अजय सिरोहा को अगवा कर लिया था.