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कोपार्डी गैंगरेप के तीनों आरोपी दोषी करार, 22 को सुनाई जाएगी सजा

महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक उज्‍जवल निकम ने मीडिया से कहा कि तीनों आरोपियों- जीतेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भावल और नितिन गोपीनाथ भैलुमे को गैंगरेप, आपराधिक षडयंत्र रचने और हत्या के अलावा POCSO की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है.

दोषी करार दिए गए तीनों अपराधी जीतेंद्र शिंदे, संतोष भावल और नितिन (क्रमशः बाएं से दाएं) दोषी करार दिए गए तीनों अपराधी जीतेंद्र शिंदे, संतोष भावल और नितिन (क्रमशः बाएं से दाएं)
पंकज खेळकर
  • मुंबई,
  • 18 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

महाराष्ट्र के अहमदनगर सत्र न्यायालय ने कोपार्डी गैंगरेप केस में तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत ने तीनों आरोपियों को दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया है. अदालत का फैसला आने के बाद पीड़िता की मां ने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट हैं. साथ ही पीड़िता के परिवार वालों ने इच्छा जाहिर की है कि दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए.

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महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक उज्‍जवल निकम ने मीडिया से कहा कि तीनों आरोपियों- जीतेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भावल और नितिन गोपीनाथ भैलुमे को गैंगरेप, आपराधिक षडयंत्र रचने और हत्या के अलावा POCSO की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है.

ज्ञात हो कि अहमदनगर के कारजात तालुके के कोपार्डी गांव में 13 जुलाई, 2016 को शाम पौने सात से साढ़े सात बजे के बीच सामान लेकर लौट रही 15 साल की एक लड़की को तीनों आरोपियों ने रास्ते में पकड़ लिया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. बलात्कार करने के बाद उन्होंने पीड़िता की गला घोंटकर हत्या कर दी थी.

अदालत द्वारा मान्य सबूतों के अनुसार, तीनों दोषियों ने पीड़िता की हत्या करने से पहले उसको बुरी तरह पीटा था. पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान पाए गए थे. यहां तक कि पीड़िता के दोनों कंधे छिटक गए थे. और यह सारा दर्दनाक मंजर पीड़िता के घर से थोड़ी ही दूरी पर घटा.

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घटना के विरोध में हुए थे व्यापक विरोध-प्रदर्शन

नाबालिक लड़की के साथ घटी इस बर्बर घटना के विरोध में पूरे महाराष्ट्र में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए थे. मराठा समुदाय ने पूरे महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया था. गौरतलब है कि पीड़िता मराठा समुदाय की ही थी, जबकि आरोपी दलित समुदाय के हैं.

CM के इस्तीफे की भी उठी थी मांग

वारदात के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया था और लोगों ने कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. यहां तक कि विपक्ष ने इस मामले को लेकर नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस का इस्तीफा तक मांग लिया. मानसून सत्र की शुरुआत के मौके पर विपक्ष के नेता रामधाकृष्ण विखे पाटिल ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री फड़णवीस को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.

CM के निर्देश पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई

व्यापक विरोध प्रदर्शनों और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाए जाने का निर्देश दिया. साथ ही विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम को पीड़िता का केस लड़ने के लिए नियुक्त किया गया था.

22 नवंबर को सुनाई जाएगी सजा

अहमदनगर सत्र न्यायालय मामले में 22 नवंबर को दोषियों को सजा सुनाएगा. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के सभी इंतजामात किए हैं. कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने से लेकर अतिरिक्त पुलिस बल की नियुक्ति की गई थी और बम डिटेक्शन एवं डिस्पोजल स्क्वॉड को भी सतर्क कर दिया गया था.

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