
कृष्णानंद राय हत्या मामले में आरोपी सांसद अफजाल अंसारी समेत अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है. आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 हजार के निजी मुचलके और 25 हजार के जमानती मुचलके पर जमानत दी.
साथ ही हाई कोर्ट ने निचली अदालत से केस से जुड़े सभी दस्तावेज मंगाने का आदेश दिया है. निचली अदालत ने केस से जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
इस फैसले के खिलाफ कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय और सीबीआई ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है. 2005 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी. उस समय कृष्णानंद राय बीजेपी के विधायक थे.
बता दें कि इस मामले में अदालत पहले ही मुख्तार अंसारी और छह अन्य को बरी कर चुकी है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने मुख्तार, उनके भाई अफजाल अंसारी और 5 अन्य को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि अभियोजन पक्ष इस मामले को साबित करने में असफल रहा.विधायक राय की गाजीपुर में 6 अन्य लोगों के साथ नवंबर-2005 में एके-47 राइफलों से लैस हमलावरों ने हत्या कर दी थी. इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मृतक राजनेता की पत्नी अलका राय की मांग पर मामले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर यह मामला उत्तर प्रदेश की अदालत से दिल्ली स्थानांतरित किया गया था. अंसारी बंधुओं के अलावा इस मामले में संजीव माहेश्वरी, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे और मुन्ना बजरंगी के नाम थे.
इस मामले में प्रमुख आरोपी रहे मुन्ना बजरंगी की 2018 में बागपत जेल में एक अन्य कैदी ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.