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इलाहाबाद: वकील की दिनदहाड़े हत्या, नाराज लोगों ने बस में लगाई आग

यूपी के इलाहाबाद के पॉश इलाके मनमोहन पार्क के पास एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मृतक वकील का नाम राजेश कुमार श्रीवास्तव था. वह अपनी बाइक से कोर्ट जा रहे थे. रास्ते में बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी.

इलाहाबाद के पॉश इलाके मनमोहन पार्क के पास हुई वारदात इलाहाबाद के पॉश इलाके मनमोहन पार्क के पास हुई वारदात
मुकेश कुमार
  • इलाहाबाद,
  • 10 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

यूपी के इलाहाबाद के पॉश इलाके मनमोहन पार्क के पास एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मृतक वकील का नाम राजेश कुमार श्रीवास्तव था. वह अपनी बाइक से कोर्ट जा रहे थे. रास्ते में बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी. इस वारदात के बाद गुस्साए वकीलों ने जमकर हंगामा किया है. एक बस को भी आग लगा दी गई है.

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जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद में गुरुवार की सुबह वकील राजेश कुमार श्रीवास्तव अपनी बाइक से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जा रहे थे. उसी वक्त मनमोहन पार्क के पास बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया. उनके उपर फायरिंग की गई. गोली लगने के बाद उनको आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

इस वारदात की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में वकील सड़क पर उतर आए. गुस्साए वकीलों ने जमकर हंगामा किया. एसएसपी ऑफिस के सामने तोड़फोड़ के बीच एक बस फूंक दी गई. वकीलों का कहना है कि इलाहाबाद में अपराध बेकाबू है. बदमाशों में कानून का डर नहीं है. यही वजह है कि यहां हत्या की लगातार वारदात हो रही है.

बताते चलें कि एक दिन पहले ही इलाहाबाद में बीजेपी के एक पार्षद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वारदात के वक्त बीजेपी पार्षद पवन केसरी अपनी स्कूटी से घर जा रहे थे. उसी वक्त बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं. इसके बाद बदमाश हथियार लहराते वहां से फरार हो गए. वारदात से पहले पार्षद ने एसएसपी से मिलने का वक्त मांगा था.

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बीजेपी पार्षद पवन केसरी को सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी का बेहद करीबी माना जाता था. वह फूलपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 11 से पार्षद थे. बीजेपी युवा मोर्चा में जिले का महामंत्री रहने के साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए थे. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है. बदमाशों की तलाश की जा रही है.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को एनकाउंटर करने की खुली छूट दी हुई है. इसके बाद भी हत्या की ऐसी वारदातें पुलिस कई सवाल खड़े कर रही हैं. पिछले एक साल में 1200 एनकाउंटर में 50 ख़तरनाक अपराधी ढेर किए जा चुके हैं.

इसके अलावा करीब 2000 से ज्यादा अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं. सत्ता में आते ही योगी ने कहा था कि गुंडे और बदमाश यूपी छोड़कर चले जाएं, नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें. हालांकि, यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के फलस्वरूप कुछ अपराधियों ने खुद थाने पहुंचकर सरेंडर किया था. फिर भी इलाहाबाद की घटना सनसनीखेज है.

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