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पंच ने सुनाया विवाहित प्रेमिका को छोड़ने का फरमान, तो कर दी हत्या

प्रेमी सुधीर यादव ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि पंच बने होमगार्ड कैलाश यादव ने उसके खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके चलते उसने कैलाश की हत्या कर दी.

अपने खिलाफ फैसला सुनाया तो कर दी पंच की हत्या अपने खिलाफ फैसला सुनाया तो कर दी पंच की हत्या
सुजीत झा/आशुतोष कुमार मौर्य
  • दरभंगा,
  • 09 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

बिहार के दरभंगा में प्रेमी के खिलाफ फैसला सुनाने की सजा एक पंच को जान देकर चुकानी पड़ी. हैरानी की बात यह है कि करीब 4 महीने बाद जब प्रेमी युगल को हिरासत में लिया गया तो पंच की हत्या का राज पर्दाफाश हुआ. इस दौरान पुलिस ने हत्या के आरोप में दो निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया था.

घटना दरभंगा के केवटी थाना छेत्र में मडिगामा हटिया इलाके की है. आरोपी सुधीर यादव ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि पंच बने होमगार्ड कैलाश यादव ने उसके खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके चलते उसने कैलाश की हत्या कर दी.

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दरभंगा पुलिस ने हत्या के आरोपी प्रेमी को उसकी प्रेमिका के साथ पटना से गिरफ्तार किया. प्रेमी युगल की गिरफ्तारी के बाद इस हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. बता दें कि होमगार्ड कैलाश की 14 दिसंबर, 2017 की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी सुधीर का गांव में ही रहने वाली एक विवाहित महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों एकदूसरे के पड़ोसी हैं और लंबे समय से एकदूसरे से प्यार करते हैं. विवाहिता तीन बच्चों की मां है, जबकि सुधीर कुंआरा.

तकरीबन एक साल पहले सुधीर अपनी प्रेमिका को लेकर फरार हो गया. गांव में खबर जंगल की आग की तरह फैल गई. गांव वाले सुधीर के परिवार वालों पर महिला को वापस बुलाने का दबाव बनाने लगे.

परिवार वालों के कहने पर सुधीर आखिरकार अपनी विवाहित प्रेमिका के साथ गांव लौट आया. लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. गांव वालों ने विवाद के निपटारे के लिए पंचायत बुलाई और होमगार्ड कैलाश यादव को पंचों का अध्यक्ष बनाया गया.

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पंचायत में सुधीर को दोषी करार दिया गया और उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा उसे महिला को उसके पति को सौंपने का फरमान भी सुनाया गया.

पंचायत द्वारा अपने खिलाफ फैसला सुनाने के चलते सुधीर के मन में कैलाश से बदला लेने की बात चलने लगी. सुधीर ने अपने कुछ दोस्तों के साथ कैलाश की हत्या की योजना तैयार की. इसके लिए उसने 15 हजार रुपये में एक देसी कट्टा खरीदा.

14 दिसंबर की शाम होमगार्ड कैलाश लालबाग प्रधान डाकघर से ड्यूटी कर साइकिल से घर की ओर लौट रहे थे. रास्ते में सुधार और उसके दोस्तों ने कैलाश को रोक लिया और गोली मारकर भाग गए.

गोली लगने से घायल कैलाश को स्थानीय लोगों की मदद से दरभंगा के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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