
लखनऊ एनकाउंटर के बाद यूपी और दिल्ली पुलिस ने अलर्ट जारी किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ ने जिस आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का दावा किया है, उससे जुड़े छह आतंकी अब भी फरार हैं. वो बदला लेने की साजिश रच सकते हैं. उनमें से दो आतंकियों के दिल्ली की तरफ आने का भी संदेह जताया जा रहा है. इसके मद्देनजर संसद सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने आतंकी हमले के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है. आशंका जताई जा रही है कि प्रमुख राजनीतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थालों के अलावा आतंकी होली के दौरान भी वारदात को अंजाम देत सकते हैं. वहीं फरार आतंकियों के पास विस्फोटक होने का भी संदेह है. सभी महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस को कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा गया है. होटलों की जांच हो रही है.
धार्मिक स्थलों की बढ़ाई गई सुरक्षा
यूपी पुलिस ने संवेदनशील जिलों में सुरक्षा को लेकर खास निर्देश जारी किए हैं. मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के पास मिले आईडी और भारतीय रेलवे के नक्शे ने साबित कर दिया है कि आतंकियों की प्लानिंग किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की थी. यूपी में बाराबंकी के देवा शरीफ सूफी धर्मस्थल, लखनऊ के इमाम बाड़ा, शिया जनाजा, शिया सामुदायिक आयोजनों में ISIS के भारतीय मॉड्यूल ने बम धमाके की योजना बनाई थी.
निशाने पर हैं शिया धार्मिक स्थल
हिंदुस्तान के शिया धार्मिक स्थल खुरासान मॉड्यूल के निशाने पर थे. मध्य प्रदेश से बरामद पाइप बम पर भी लिखा है कि इस्लामिक स्टेट यहां आ चुका है. आईएस के आतंकियों का ये ग्रुप 27 मार्च को बड़ी बर्बादी की प्लानिंग कर रहा था. सैफुल्लाह की मौत का गुस्सा और पकड़े गए आतंकियों से राज खुलने का खौफ, इन दोनों वजहों से आतंकी हमले का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि 6 आतंकी अब भी सुरक्षा बलों की पकड़ से बाहर हैं.
आईएसआईएस से जुड़े 20 भारतीय
भारत की सुरक्षा एजेंसिया यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के साथ जानकारियां साझा कर रही हैं. हो सकता है सैफुल्ला की तरह उसके बाकी साथियों के आईएस के साथ सीधा कनेक्शन ना हो, लेकिन करीब 20 भारतीय आईएसआईएस के साथ जुड़ चुके हैं. भारत लगातार इनको ट्रैक करने की कोशिश में जुटा है. ये सभी सीरिया में थे, नहीं लौटे हैं. खुफिया एजेंसिया लखनऊ हमले में शामिल सेल की मॉनिटरिंग कर रही थी.
कई राज्यों में है ISIS की मौजूदगी
भले ही जम्मू कश्मीर में ISIS के झंडे दिखाए जाते रहे हों, लेकिन इसकी मौजूदगी यूपी, एमपी, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मानी जाती रही है. भोपाल ट्रेन में ब्लास्ट और लखनऊ एनकाउंटर अब तक की सारी आशंकाओं की एक छोटी सी झलक भर है. यानी जिस खतरे को अब तक हजारों किलोमीटर दूर बगदादी के संगठन से प्रभावित लोगों की आतंकी फितरत भर माना जाता था, अब वो हमारी जमीन पर तबाही का सामान जुटा रहा है.