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विवेक के हत्यारोपियों के समर्थन में सिपाहियों ने बांधी काली पट्टी

यूपी के पुलिसकर्मी हत्या आरोपी के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी पर उतर आए हैं. जबकि यूपी पुलिस के अफसरान कल से ही कह रहे हैं कि बगावत जैसी कोई बात नहीं.

पुलिस के बड़े अफसरों ने इस विरोध को दबाने का दावा किया था (फोटो- शिवेंद्र) पुलिस के बड़े अफसरों ने इस विरोध को दबाने का दावा किया था (फोटो- शिवेंद्र)
परवेज़ सागर/शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 05 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

जिस ख़बर पर यूपी पुलिस के बड़े अफसर कल से ना-ना कर रहे थे, आज उसी ख़बर पर उन्हीं अफसरों की बोलती बंद हो गई है. हत्या के आरोपी बर्खास्त कांस्टेबल के समर्थन में यूपी पुलिस के सिपाही काली पट्टी बांधकर ड्य़ूटी करने पहुंच गए और दिखा दिया कि हत्या जैसे अपराध को लेकर भी वो कितने असंवेदनशील हैं.

ये योगी आदित्यनाथ की पुलिस है. जो हत्या के आरोपी के पक्ष में बेशर्मी से सीमा तानकर खड़ी है. एप्पल के सेल्समैनेजर विवेक तिवारी को आधी रात के वक्त गोली मारने वाले सिपाही को यूपी पुलिस के ये जवान हीरो बनाने पर तुले हैं.

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सोचिए कि योगी आदित्यनाथ ने बबूल का जो पेड़ बोया उससे निकले कांटे किस तरह उन्हें और उनकी सरकार को लहूलुहान कर रहे हैं. एनकाउंटर करने की खुली आजादी देकर योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस का हौसला इतना बढा दिया कि अब वही पुलिस बगावती तेवर दिखाने लगी है.

पुलिसकर्मी हत्या के आरोपी के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी पर उतर आए हैं. जबकि यूपी पुलिस के अफसरान कल से ही कह रहे हैं कि बगावत जैसी कोई बात नहीं. कल से ही यूपी पुलिस के बड़े अफसर कह रहे हैं कि काली पट्टी लगाकर विरोध जताने का प्लान पूरा नहीं होने दिया जाएगा.

उन अफसरों को ये तस्वीरें जरूर देखनी चाहिए. ये सिपाही खुलेआम सर्विस कोड की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बल्कि यूं कहें कि हत्या के आरोपी के साथ खड़े होकर ये साबित कर रहे हैं कि इनका आदर्श क्या है.

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सवाल ये है कि इन हालात के लिए जिम्मेदार कौन है. पुलिस बेलगाम हो रही है. सिपाही सिपहसलार पर सवाल उठा रहे हैं तो ये चूक किसकी है. गिरेबान में झांकने की जरूरत किसे है.

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