Advertisement

MP: कमलनाथ सरकार का बड़ा एक्शन, शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडरिंग घोटाले में केस दर्ज

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने शिवराज सरकार के समय हुए ई-टेंडरिंग घोटाले मामले में बड़ा एक्शन लिया है. राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा यानी इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है.

Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath (File photo: Reuters) Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath (File photo: Reuters)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 10 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 9:41 PM IST

मध्य प्रदेश में अभी इनकम टैक्स की रेड का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा यानी इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है. कथित तौर पर यह घोटाला शिवराज सरकार के समय हुआ था.

इकोनॉमिक ऑफेंस विंग के डीजी के.एन. तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार के 5 विभागों के 9 टेंडरों के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ करके कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाया गया. इन 5 विभागों में मध्य प्रदेश जल निगम, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम और पीडब्ल्यूडी का पीआईयू विभाग शामिल हैं.

Advertisement

इकोनॉमिक ऑफेंस विंग के डीजी के मुताबिक करीब 3 हज़ार करोड़ के ई-टेंडरिंग घोटाले में नई दिल्ली के कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें पाया गया कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ करके कुछ कम्पनियों को लाभ पहुंचाया गया.  

तिवारी ने बताया कि मामले में मध्य प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के अलावा 7 कम्पनियों के डायरेक्टर्स, अज्ञात राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ आईपीसीसी की धारा 120 (बी), 420, 468 और 471 के अलावा आईटी एक्ट-2000 की धारा 66 और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

कांग्रेस के वचनपत्र में था ई-टेंडरिंग घोटाला

मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल समेत देश की राजधानी दिल्ली और गोवा में इनकम टैक्स की रेड पड़ने के ठीक बाद ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसको कमलनाथ सरकार का बीजेपी को जवाब माना जा रहा है. हालांकि कांग्रेस ने इसका खंडन किया है. कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ई-टेंडरिंग और व्यापम समेत तमाम घोटालों की जांच कराने का ऐलान किया था.

Advertisement

उन्होंने कहा कि इन घोटालों ने प्रदेश को दीमक की तरह चाट डाला था. अब मामले के दोषी बच नहीं पाएंगे. सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से तमाम कागजात इकट्टे किए जा रहे थे और बुधवार को इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने एफआईआर दर्ज की है. यह बड़ी खुशी की बात है कि प्रदेश की जनता की मांग थी कि मामले की जांच हो और आज हमने अपना वचन पूरा किया है.

क्या है ई-टेंडरिंग घोटाला

मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों में टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार रोकने के लिए ई-टेंडर व्यवस्था शुरू की गई थी. इसके लिए ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल बनाया गया था, लेकिन आरोप है कि इसमें छेड़छाड़ करके करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया गया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement