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औरंगाबाद हिंसा: जांच के लिए कमिटी गठित, कर्फ्यू जारी, इंटरनेट बंद

महाराष्ट्र के गृह मंत्री रंजीत पाटिल ने बताया कि औरंगाबाद हिंसा की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. इससे पहले पुलिस ने मामले में अब तक तीन FIR दर्ज किए हैं.

औरंगाबाद में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात औरंगाबाद में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
पंकज खेळकर /आशुतोष कुमार मौर्य
  • औरंगाबाद (महाराष्ट्र),
  • 13 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार की रात दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है. औरंगाबाद के कुछ हिस्सों में शनिवार की सुबह से ही धारा 144 लागू है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

महाराष्ट्र के गृह मंत्री रंजीत पाटिल ने बताया कि औरंगाबाद हिंसा की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. इससे पहले पुलिस ने मामले में अब तक तीन FIR दर्ज किए हैं.

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औरंगाबाद के कमिश्नर का प्रभार संभाल रहे स्पेशल IG मिलिंद भरांबे ने बताया कि हिंसा में शामिल दोनों समुदाय के कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. पूछताछ के बाद हिंसा में उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि औरंगाबाद में अब माहौल शांतिपूर्ण है और हालात पर काबू पा लिया गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शहर में पुलिस बल के अलावा SRPF की सात कंपनियां और RAF की एक कंपनी तैनात की गई है.

औरंगाबाद हिंसा की दहला देने वाली तस्वीरें

गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा अवैध पानी का कनेक्शन काटे जाने को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आ गए. दोनों समुदायों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि हिंसा भड़क उठी. शुक्रवार की पूरी रात उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की. दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ की और जमकर आगजनी की.

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यहां तक कि हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी, जिससे दो व्यक्तियों की मौत हो गई. मृतकों में एक 17 वर्षीय युवक और 65 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं. हिंसक झड़प में 16 पुलिसकर्मियों सहित 50 के करीब लोग घायल हुए.

इस तरह भड़की थी हिंसा

दरअसल औरंगाबाद में दोनों समुदायों के बीच तनाव का माहौल गुरुवार से ही बनने लगा था. औरंगाबाद महानगर पालिका ने गुरुवार से पानी के अवैध कनेक्शन काटने का अभियान शुरू किया था. गुरुवार को औरंगाबाद के मोती कारंजा इलाके में नगर निगम ने अवैध पानी के कनेक्शन काटे.

सिर्फ पानी नहीं है दो समुदायों के बीच मनमुटाव की वजह

लेकिन नगर निगम द्वारा पानी का कनेक्शन काटे जाने को लेकर एक समुदाय भड़क उठा और नगर निगम पर आरोप लगाए कि उसने उसी समुदाय विशेष के लोगों के पानी कनेक्शन काटे हैं, जबकि दूसरे समुदाय के अवैध पानी के कनेक्शन नहीं काटे गए. इसी बात को लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पनपी. शुक्रवार की दोपहर से ही तनाव का माहौल बनने लगा था, जो रात होते-होते हिंसा में बदल गई.

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