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गुजरात में 'सिंह' सरनेम लगाया, तो मुंडवाई मूंछें, वीडियो वायरल

गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर तालुका थाना क्षेत्र में पिछड़ी कोली ठाकोर जाति के एक युवक को अपने नाम के साथ 'सिंह' का इस्तेमाल करने पर उसे जबरन मूंछें मुंडने पर विवश करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है.

गुजरात के बनासकांठा जिले की घटना गुजरात के बनासकांठा जिले की घटना
मुकेश कुमार/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर तालुका थाना क्षेत्र में पिछड़ी कोली ठाकोर जाति के एक युवक को अपने नाम के साथ 'सिंह' का इस्तेमाल करने पर उसे जबरन मूंछें मुंडवाने पर विवश करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपियों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर वायरल कर दिया. पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

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जानकारी के मुताबिक, यह घटना 27 मई को हुई थी. बनासकांठा के बहुचरगढ गांव में रहने वाले कोली ठाकोर जाति के रणजीत ने अपने भतीजे के मुंडन के कार्ड में उसके नाम के आगे 'सिंह' लिखा था. आमतौर पर 'सिंह' सरनेम क्षत्रिय जाति के लोग लिखते हैं. इस कार्ड के बंटने के बाद क्षत्रिय समाज के लोग नाराज हो गए. उन लोगों ने रणजीत को पकड़ लिया.

पुलिस अधिकारी ए वाई पटेल ने बताया कि आरोपी दरबार (राजपूत) समुदाय के मयूरसिंह डाभी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से जबरन उसकी मूंछें मुंडवा दी. इस दौरान सिंह लिखने के लिए उससे माफी मंगवाते हुए उसका वीडियो बना लिया. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. इसके बाद यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया.

पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी मयूरसिंह डाभी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उसके साथी घोढ गांव के आरोपियों हरपाल सिंह डाभी तथा दो अन्य की धरपकड़ के प्रयास किये जा रहे हैं. चौंकाने वाली बात है कि कोल ठाकोर समाज के लोगों के साथ एक सप्ताह पहले ही ऐसी वारदात हुई थी, लेकिन पुलिस इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है.

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बताते चलें कि पिछले साल गांधीनगर के निकट एक गांव में दो अलग-अलग घटनाओं में ‘मूंछ रखने को लेकर’ राजपूत समुदाय के लोगों ने दो दलित व्यक्तियों की जमकर पिटाई कर दी थी. ये घटनाएं गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के लिंबोदरा गांव में 25 और 29 सितंबर को हुई थी. भरत सिंह वाघेला नामक व्यक्ति ने कृणाल महेरिया की पिटाई की थी.

कृणाल महेरिया ने बताया था, 'मैं अपने एक दोस्त के घर जा रहा था तो वाघेला अैर कुछ अन्य लोगों ने मुझे रोका. मेरे लिए अपशब्दों का प्रयोग किया. वाघेला ने मुझसे कहा कि केवल मूंछ लगा लेने से कोई राजपूत नहीं हो सकता. जब मैंने उसकी बात को तवज्जो नहीं दी तो उसने डंडे से मेरी पिटाई कर दी.'

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