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'ब्लू व्हेल' के बहाने जान ले रही थी ये लड़की, मॉस्को से अरेस्ट

17 साल की लड़की मौत का खेल यानी सुसाइड गेम 'ब्लू व्हेल' की मास्टरमाइंड निकली. रशियन पुलिस ने मास्को से आरोपी लड़की को गिरफ्तार कर लिया है. वह मनोविज्ञान की छात्रा है और उसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

पकड़ी गई 'ब्लू व्हेल' गेम की मास्टरमाइंड (फोटोः सोशल मीडिया) पकड़ी गई 'ब्लू व्हेल' गेम की मास्टरमाइंड (फोटोः सोशल मीडिया)
राहुल सिंह
  • मॉस्को,
  • 01 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

17 साल की लड़की मौत का खेल यानी सुसाइड गेम 'ब्लू व्हेल' की मास्टरमाइंड निकली. रशियन पुलिस ने मास्को से आरोपी लड़की को गिरफ्तार कर लिया है. वह मनोविज्ञान की छात्रा है और उसने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

रशियन पुलिस ने आरोपी लड़की को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे तीन साल के लिए जेल भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि वह अपने शिकार को धमकी दिया करती थी कि अगर उसने 'ब्लू व्हेल' टास्क पूरा नहीं किया तो वह उसे और उसके परिवार को मार डालेगी.

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पुलिस ने आगे कहा, वह इस गेम के जरिए उन्हीं लोगों को अपना शिकार बनाती थी, जो लोग किसी तरह के तनाव से जूझ रहे होते थे या फिर तनाव से जुड़े कारणों के चलते आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे होते थे. पुलिस आरोपी लड़की के दोस्तों और परिजनों से पूछताछ कर रही है.

क्या होता है 'ब्लू व्हेल' गेम

साल 2013 में रूस के फिलिप बुडेकिन नाम के शख्स ने 'ब्लू व्हेल' गेम बनाया था. ये एक ऐसा चैलेंज है, जिसमें आपको ग्रुप एडमिन द्वारा दिए गए कई टास्क को 50 दिनों के अंदर पूरा करना होता है. हर टास्क पूरा होने पर प्लेयर को अपने हाथ पर एक कट लगाने के लिए कहा जाता है. टास्क पूरा करने के बाद आखिरी में जो इमेज उभरती है, वो व्हेल मछली की तरह होती है.

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मौत का खेल है ये गेम

इस गेम में साइन इन करने के बाद 50 दिनों के अंदर टास्क पूरा करने की चुनौती मिलती है. इसमें खुद को नुकसान पहुंचाना, अकेले में डरावनी फिल्में देखना और व्हेल मछली का आकार अपने हाथ पर गोदना जैसी चुनौतियां शामिल हैं. इस गेम का सबसे खौफनाक और आखिरी टास्क 50वें दिन दिया जाता है, जिसमें खुद को जान से मारने की चुनौती मिलती है.

हाथ पर ब्लेड से लिखते हैं कोड F57

इस गेम का एडमिन स्काइप के जरिए गेम खेलने वाले से लगातार संपर्क में रहता है. गेम खेलने वाले को हर दिन एक कोड नंबर दिया जाता है. इसमें हाथ पर ब्लेड से F57 लिखकर इसकी फोटो अपलोड करने के लिए कहा जाता है. गेम का विनर उसे ही घोषित किया जाता है, जो 50वें दिन अपनी जान दे देता है.

अब तक 130 लोगों की मौत

मासूम बच्चे गेम समझकर इसके जाल में फंस रहे हैं. सोशल मीडिया पर 'ब्लू व्हेल' एप को तलाशा जा रहा है, लेकिन असल में यह न तो गेम है और न ही एप है. यह अपराधी किस्म के लोगों का एक ट्रैप है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गेम की वजह से दुनिया भर में अब तक 130 लोगों की जान जा चुकी है.

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भारत में भी 'ब्लू व्हेल' गेम की दहशत

हाल ही में मुंबई में इस खेल को खेलते हुए 14 साल के एक लड़के ने 5वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली थी. वहीं पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में भी एक 10वीं के छात्र ने बाथरूम में आत्महत्या कर ली थी. इंदौर में भी एक 13 साल के छात्र ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की. साथी छात्रों की मदद से उसकी जान बच पाई.

 

 

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