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इस बहादुर लेडी सिंघम ने पंचकूला में अकेले उपद्रवियों से लिया मोर्चा

उसी बीच एक लेडी अफसर इन उपद्रवियों से अकेले लोहा ले रही थीं. जी हां हम बात कर रहे हैं पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर गौरी पराशर जोशी की. गौरी पराशर जोशी ने अपने जज्बे और बहादुरी से न सिर्फ रेपिस्ट राम रहीम के समर्थकों को पीछे धकेला बल्कि कपड़े फट जाने पर भी अपनी ड्यूटी पर जमी रहीं.

गौरी पराशर जोशी गौरी पराशर जोशी
अंकुर कुमार/केशवानंद धर दुबे
  • पंचकूला ,
  • 28 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया था, जिसके बाद हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों में डेरा समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था. इन उत्पातों से डरकर जहां हरियाणा पुलिस के जवानों के भगाने की खबर आ रही थी, उसी बीच एक लेडी अफसर इन उपद्रवियों से अकेले लोहा ले रही थीं. जी हां हम बात कर रहे हैं पंचकूला की डिप्टी कमिश्नर गौरी पराशर जोशी की. गौरी पराशर जोशी ने अपने जज्बे और बहादुरी से न सिर्फ रेपिस्ट राम रहीम के समर्थकों को पीछे धकेला बल्कि कपड़े फट जाने पर भी अपनी ड्यूटी पर जमी रहीं.

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भाग गई पुलिस

डेरा समर्थकों का गुस्सा देखकर बहादूरी का दंभ भरने वाले हरियाणा पुलिस के जवान 2009 की आईएएस अफसर गौरी पराशर जोशी को मुश्किल हालातों में छोड़कर भाग खड़े हुए. समर्थकों ने पत्थर और लाठियों से वार करना शुरू कर दिया था. ऐसे में 11 साल के बच्चे की मां गौरी को समर्थकों का अकेले सामना करना पड़ा. इस वजह से उन्हें काफी चोटें आईं. यही नहीं उनके कपड़े भी फट गए थे. सिर्फ एक पीसीओ के साथ अकेले छूट जाने के बाद भी गौरी ने सामना करना जारी रखा. वह उन्हीं हालतों में ऑफ‍िस पहुंचीं और सेना को एक आदेश की कॉपी थमाई. इस आदेश की मदद से सेना ने पंचकूला में माहौल को और बिगड़ने से रोका.

लोकल लोगों ने की पुष्ट‍ि

ईटी के रिपोर्ट के मुताबिक लोकल लोगों ने कहा कि अगर सेना के जवान नहीं आए होते तो मंजर कुछ और होता. लोकल पुलिस जिसे हमने दो दिनों तक नास्ता पानी दिया था, उनलोगों ने ही समर्थकों के उग्र होने पर सबसे पहले साथ छोड़ा. यह कहना था पंचकूला निवासी सतिंदर नांगिया का.

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सुबह 3 बजे वापस लौटीं

घायल होने के बाद भी गौरी ने मोर्चा नहीं छोड़ा और सुबह 3 बजे हालात सामान्य होने पर ही घर वापस लौटीं. उनके घर लौटने से पहले उन्होंने बिगड़े माहौल को अंडर कंट्रोल कर लिया था.

नक्सल एरिया में थी पोस्टिंग

गौरी ने अपने करियर में इससे पहले भी नाजूक और गंभीर हालातों का सामना किया है. इससे पहले वह ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाके कालाहांडी में सेवा दे चुकी हैं. वह ओडिशा कैडर की ही आईएएस अफसर हैं और डेपुटेशन पर हरियाणा आई हैं.  

उदाहरण लेने की जरूरत

समर्थकों के हमले को अपने आंखों के सामने देखने वाली बेटी नांगिया का कहना था कि पुरुषवादी समाज को इन होनहार वीर लड़कियों से सबक लेने की जरूरत है. खासकर हरियाणा जैसे कम सेक्स रेश‍ियो वाले राज्य में इसकी काफी जरूरत है.

जारी किया था आदेश

गौरी पराशर जोशी ने शुक्रवार को राम रहीम पर फैसले से पहले जिला में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिगत सभी सरकारी व गैर सरकारी गैस्ट व रैस्ट हाउसिज के प्रबंधकों को यह आदेश भी जारी किया था कि कोई भी नई बुकिंग बिना पुलिस वैरीफिकेशन और अतिरिक्त उपायुक्त पंचकूला की पूर्वानुमति के न करें. गेस्ट/रेस्ट हाउसों के प्रबंधक यह भी सुनिश्चित करें कि जो लोग इस समय वहां पर रह रहे हैं उनकी भी पुलिस द्वारा वैरीफिकेशन की गई हो. आदेशों की उल्लंघन करने की दिशा में उसे गंभीरता से लेते हुए उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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दोबारा भड़क सकती है हिंसा

सोमवार को गौरी पराशर ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए अलग प्लान बनाया है. बताते चलें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 को रोहतक जेल में ही 20 साल की सजा सुनाई गई. ऐसे में डेरा समर्थक फिर से हिंसा पर उतारू हो सकते थे, किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार सतर्क नजर आई.

 

 

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