
ईमानदारी की कीमत कैसे चुकानी पड़ सकती है, इसका दिल दहला देने वाला वाक्या कर्नाटक से सामने आया है. यहां मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना) से जुड़े एक अधिकारी का धारदार हथियार से हाथ काट दिया गया. मनरेगा के टैक्नीकल कोऑर्डिनेटर एच आर श्रीनिवास का कसूर था तो इतना कि उन्होंने भ्रष्टाचार के सामने झुकने से इनकार कर दिया था.
53 वर्षीय श्रीनिवास के सामने ऐसा बिल पास होने के लिए आया था जिसमें काम को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया गया था. श्रीनिवास ने बिल में से दस हजार रुपए की कटौती कर दी. समझा जा रहा है कि इसी से नाराज होकर ठेकेदारों ने श्रीनिवास को सबक सिखाने की ठानी. श्रीनिवास सोमवार शाम को ड्यूटी के बाद अपने दोपहिया वाहन से मगाडी से कुनिगल लौट रहे थे.
इसी दौरान दो हमलावरों ने बाइक पर उनका पीछा करना शुरू कर दिया. रास्ते में श्रीनिवास पर कुल्हाड़ी जैसे हथियार से हमला किया गया. श्रीनिवास के हाथ पर इतनी निर्ममता से वार किया गया कि उनकी तीन उंगलियां अलग होकर लटक गईं. हमलावरों के भाग जाने के बाद लोग श्रीनिवास की मदद के लिए आगे आए. उन्होंने पुलिस को सूचना देकर एंबुलेंस को बुलाया.
बासावेश्वरनगर के अस्पताल में चार घंटे तक चले ऑपरेशन में श्रीनिवास की उंगलियों को दोबारा जोड़ा गया. उन्होंने हमलावरों के तौर पर दो ठेकेदारों केशव और मंजुनाथ की पहचान की है. रामनगर जिले के कुडुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है. पुलिस के मुताबिक दोनों ठेकेदार फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है.
बताया जा रहा है कि सोमवार को दिन में केशव ने तालुक दफ्तर पहुंच कर श्रीनिवास को धमकी दी थी. केशव ने कहा था कि यदि बिल की रकम में कटौती की गई तो उनको गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे. उन्होंने इस पर कहा था कि यदि उन्होंने बिल को पास किया तो उनकी नौकरी पर खतरा होगा. इस पर केशव ने खुलेआम कहा था कि वो उनका हाथ काट देगा.
कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री एच के पाटिल ने श्रीनिवास से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार और राज्य के लोगों को श्रीनिवास पर गर्व है. अब सवाल यहां ये है कि श्रीनिवास जैसे ईमानदार लोगों को देश में इस तरह का बर्ताव कब तक सहना पड़ेगा.