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कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस: पीड़िता की मां बोली- दोषियों को फांसी से कम कुछ मंजूर नहीं

कठुआ गैंग रेप की शिकार हुई बच्ची का परिवार डेढ़ साल से इंसाफ का इंतजार कर रहा है. आज फैसले की घड़ी है. इंडिया टुडे ने पीड़िता की मां से बातचीत की तो उनकी पीड़ा सामने आ गई.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in/शुजा उल हक
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  • 10 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

कठुआ गैंग रेप के 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दे दिया गया है. पठानकोट की अदालन ने मुख्य आरोपी सांजी राम सहित 6 आरोपियों को दोषी कराद दे दिया है. सजा पर फैसला दोपहर को आएगा. ऐसे में फैसले के दिन जब इंडिया टुडे ने पीड़ित बच्ची की मां से बातचीत की तो उनका दर्द झलक उठा. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. घटना के इतने दिनों के बाद भी आरोपियों को अब तक सजा नहीं मिली है.

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गौरतलब है कि 10 जनवरी 2018 को जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ गैंग रेप की घटना सामने आई थी. इस घटना से देश भर में गुस्सा फूट पड़ा था. यह घटना देश ही नहीं पूरी दुनिया की मडिया में सुर्खियां बटोरी थी. इंसाफ के लिए देश भर में कैंडल मार्च किया गया.

ऐसे में डेढ़ साल बाद आज फैसला आ रहा है. जिन 6 आरोपियों को दोषी करा दिया गया है उसमें ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी), दीपक खजुरिया, परवेश दोषी, तिलक राज, आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार शामिल हैं. जबकि सांजी राम का बेटे विशाल को बरी कर दिया गया है.  आपको बता दें कि शुरुआत में इस मसले को जम्मू कोर्ट में सुना गया लेकिन बाद में पठानकोट कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई जहां पर आज इसका फैसला सुनाया गया.

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क्यों करनी पड़ी पठानकोट में सुनवाई?

पिछले साल 10 जनवरी को 8 साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव से अगवा किया गया. एक मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. उसे चार दिनों तक बेहोश रखा गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर कर इंसाफ की गुहार लगाई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था. जिसके बाद मामले की सुनवाई पठानकोर्ट अदालत में शुरू हुई.

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