Advertisement

सुनील जोशी हत्याकांडः कमजोर जांच के लिए एमपी पुलिस और एनआईए को मिली कोर्ट की फटकार

मध्यप्रदेश की देवास कोर्ट ने संघ के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड के मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आरोप मुक्त कर दिया है. जिसकी वजह इस मामले की कमजोर जांच हैं. इस संबंध में कोर्ट ने एमपी पुलिस और एनआईए को फटकार भी लगाई है.

कोर्ट ने एमपी पुलिस और एनआईए की जांच को कमजोर बताया है कोर्ट ने एमपी पुलिस और एनआईए की जांच को कमजोर बताया है
परवेज़ सागर/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST

मध्यप्रदेश की देवास कोर्ट ने संघ के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड के मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को आरोप मुक्त कर दिया है. जिसकी वजह इस मामले की कमजोर जांच हैं. इस संबंध में कोर्ट ने एमपी पुलिस और एनआईए को फटकार भी लगाई है.

कोर्ट ने दोनों जांच एजेंसियों लताड़ लगाते हुए कहा कि सारे सबूत देखने के बाद ऐसा लगता है कि इतने महत्वपूर्ण और संगीन मामले में एमपी पुलिस और एनआईए ने पहले से ही सोच रखा था या फिर किसी अज्ञात कारण की वजह से बहुत ही कमजोर जांच की है.

Advertisement

दोनों जांच एजेंसियों ने जो सारे सबूत जुटाए थे, उनमें विरोधाभास था. केस को इस तरह कमजोर किया गया कि सारे अभियुक्तों के खिलाफ़ कोई भी सबूत नहीं था. जो सबूत जुटाए गए वो इतने कमजोर थे कि जांच ही संदेह के कठघरे में आ गई है.

जानकारों के मुताबिक देवास कोर्ट के इस ऑर्डर का असर समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस पर भी पड़ेगा, क्योंकि संघ के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड की एक अहम गवाह कुमारी नीरा ने कोर्ट को बताया कि उसने कभी यह बयान नहीं दिया था कि वह स्वामी असीमानंद, प्रज्ञा ठाकुर और सुनील जोशी को जानती है.

कुमारी नीरा ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसने कभी ये नहीं कहा कि 21 फरवरी 2007 को स्वामी असीमानंद के आश्रम में एक गोपनीय मीटिंग हुई थी, जिसमें स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और सुनील जोशी मिले थे.

Advertisement

गौरतलब है कि सीबीआई और उसके बाद NIA ने अपनी जांच में समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के बाद इन लोगों की एक अहम बैठक का जिक्र किया था.

कुमारी नीरा ने कोर्ट के सामने इस बात से भी इंकार किया कि प्रज्ञा ने उसे कभी बोला था कि उसके सुनील जोशी के साथ संबंध थे. और एक बार सुनील जोशी ने प्रज्ञा के साथ अभद्र व्यवहार किया था. और उनके रिश्ते खराब हो गए थे.

नीरा ने कोर्ट से कहा कि उसे प्रज्ञा ठाकुर ने कभी यह नहीं बताया कि सुनील जोशी मर्डर केस के अभियुक्त रामजी कंसागरा और संदीप डांगे से प्रज्ञा इंदौर में एक फ्लैट में मिली थी.

यह जानकारी अहम इसलिए भी है, क्योंकि पिछले महीने महाराष्ट्र के एक निलंबित पुलिस अफसर ने यह कहा था कि रामजी कंसागरा और संदीप डांगे का मर्डर महाराष्ट्र ATS ने किया था.

कुमारी नीरा ने यह भी कहा कि साध्वी प्रज्ञा ने उसे कभी नहीं बताया कि जिस रात सुनील जोशी का कत्ल हुआ था, उसने एक डॉक्टर को कहा था कि देवास के अस्पताल में जाकर सुनील जोशी की लाश को देखो.

नीरा ने कोर्ट से कहा कि उसने जांच एजेंसी को कभी नहीं बोला कि साध्वी प्रज्ञा सुनील जोशी के कत्ल वाली रात बहुत डरी और घबराई हुई थी.

Advertisement

इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट को इन तमाम बिंदुओं पर विचार करना था कि क्या यह एक गहरी साजिश थी. अभियुक्तों ने सुनील जोशी का किस पिस्टल से कत्ल किया था? वो पिस्टल लीगल थी या अवैध. क्या अभियुक्तों ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी.

गौरतलब है कि आरएसएस के प्रचारक सुनील जोशी का मर्डर 29 दिसम्बर 2007 को हुआ था. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था. प्रज्ञा राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़ी रही. उसकी गिरफ़्तारी मालेगांव ब्लास्ट केस में की गई थी. अभी वह बीमार है. भोपाल में हिरासत के दौरान उसका इलाज चल रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement