Advertisement

MP पुलिस का दावा झूठा, ये कुख्यात कर रहा है इनामी डकैत को मारने का दावा

डीआईजी दीपक कुमार कहते हैं, "मध्य प्रदेश पुलिस के दावे पर हम कुछ नहीं कह रहे, हम सिर्फ इतना बता रहे हैं कि हमने बबली कोल गैंग की मारक क्षमता को नष्ट किया है, उनके हथियारों जिनमें दो थर्टी स्प्रिंगफील्ड अमेरिकन राइफल समेत 3 राइफलें और 100 से अधिक कारतूस थे, हमने बरामद किए हैं."

MP पुलिस ने बबली कौल को मारने का दावा किया था, जो झूठा निकला (फाइल फोटो) MP पुलिस ने बबली कौल को मारने का दावा किया था, जो झूठा निकला (फाइल फोटो)
शिवेंद्र श्रीवास्तव/परवेज़ सागर
  • लखनऊ,
  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बसे चित्रकूट के सरहदी जंगलों में आतंक का पर्याय बने 6 लाख के इनामी डाकू बबली कोल और डेढ़ लाख के इनामी लवलेश कोल को 'ठिकाने' लगाने की तस्वीर अब साफ होती जा रही है. यह तस्वीर मध्य प्रदेश पुलिस के उस दावे के ठीक उलट है, जिसमें उसने दोनों डकैतों को 'साहसिक' एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था.

Advertisement

दरअसल, यूपी पुलिस के हत्थे चढ़े डकैत सोहन कोल ने साफ किया है कि दोनों डकैतों को उसने ही मारा है और मध्य प्रदेश पुलिस झूठ बोल रही है. मध्य प्रदेश पुलिस के काल्पनिक एनकाउंटर के बाद अब उसकी फजीहत हो रही है. बबली कोल को किसने मारा? इस गुत्थी को सुलझाने के लिए 'आजतक' ने इस केस से जुड़े अफसरों को कुरेदकर सच जानने की कोशिश की.

यूपी पुलिस ने हाल ही में एक लाख के इनामी डकैत सोहन कोल को गिरफ्तार किया है. उसी इनामी डाकू ने पत्रकारों को बताया कि उसने पहले लवलेश कोल की राइफल छीनी और उसे गोली मार दी. इसके बाद बबली कोल निहत्था हो गया और बाद में उसने उसे भी मार दिया. यूपी पुलिस के बड़े अफसर भी सोहन के दावे से इंकार नहीं कर रहे लेकिन खुलकर समर्थन की बजाय जांच की बात कह रहे हैं.

Advertisement

चित्रकूट धाम परिक्षेत्र के डीआईजी दीपक कुमार कहते हैं, "मध्यप्रदेश पुलिस के दावे पर हम कुछ नहीं कह रहे, हम सिर्फ इतना बता रहे हैं कि हमने बबली कोल गैंग की मारक क्षमता को नष्ट किया है, उनके हथियारों जिनमें दो थर्टी स्प्रिंगफील्ड अमेरिकन राइफल समेत 3 राइफलें और 100 से अधिक कारतूस थे, हमने बरामद किए हैं. हमने दिखाया है कि यह परंपरागत हथियार जो यहां सक्रिय रहे ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया के पास होते हुए बबली गैंग के पास आए थे. ये हथियार जिसके पास होते थे, उन्हें ही नए गैंग का नया सरदार मान लिया जाता था. हमने उन हथियारों को बरामद किया है. जहां तक सोहन कोल के बयान की बात है, हम उसके बयानों की जांच कर रहे हैं."

वहीं एंटी डकैती ऑपरेशन और यूपी एसटीएफ से जुड़े यूपी पुलिस के एक बड़े अफसर ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि "हमने अपनी बनाई 'रणनीति' के तहत बबली और लवलेश कोल को मार गिराया था लेकिन ऑपरेशन के अंतिम क्षणों में हमारा एक दूसरे से संपर्क 'टूट' गया, घने जंगलों में हमें शवों को ढूंढने में काफी देरी हुई और इस बीच मध्य प्रदेश पुलिस अपने नए दावे के साथ सामने आ गई. जबकि इससे पहले एमपी पुलिस के ही बड़े अफसरों ने यूपी पुलिस को सफल ऑपरेशन की बधाई दे डाली थी."

Advertisement

प्रयागराज जोन के एडीजी सुजीत पांडेय ने 'आजतक' को बताया कि "हमने बबली कोल गैंग के एक लाख के इनामी डकैत सोहन कोल को इस क्षेत्र में सक्रिय रहे गैंग के प्रमुख हथियार के साथ पकड़ लिया है. हम अपने ऑपरेशन को रिव्यू कर रहे हैं. जिससे फिर कोई नया गैंग न खड़ा हो जाए, क्योंकि इस इलाके का इतिहास रहा है कि जब भी कोई बड़ा डकैत मारा जाता है, तो बचे सदस्य नए नाम से नया गैंग बना लेते हैं. हम चाहते हैं कि 2 बचे डकैतों का भी जल्द सफाया कर दिया जाए."

बबली कोल को किसने मारा के सवाल पर एडीजी ने कहा कि "सोहन कोल क्या कह रहा है, यह आप भी जानते हैं और मैं भी जानता हूं लेकिन मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा. हां उसके बयान की हम जांच जरूर करेंगे."

वहीं जानकार बताते हैं कि यूपी एसटीएफ की रणनीति हमेशा कांटे से कांटा निकालने की रही है. लेकिन इस बार यह कांटा उसके गले मे ऐसा फंसा जिसे यूपी पुलिस न निगल पा रही है, न उगल पा रही है. दूसरे की सजी थाली को अपना बताने वाली एमपी पुलिस भी शुरुआती सुर्खियां बटोरने के बाद अब अपनी जगहंसाई करवा रही है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement