
पत्रकार जेडे की हत्या किए जाने के मामले में सात साल बाद कल फैसला आएगा. कोर्ट में जज समीर अजकर इस मामले में फैसला सुनाएंगे. अभियोजन पक्ष के मुताबिक पत्रकार जेडे की हत्या माफिया सरगना छोटा राजन के इशारे पर की गई थी. इस मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने मकोका कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था.
मुंबई में अंडरवर्ल्ड माफिया सरगना छोटा राजन के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं. दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद राजन सभी मामलों की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी देता है. बुद्धवार को भी कुछ ऐसा ही होगा. जब मुंबई की स्पेशल मकोका कोर्ट में छोटा राजन सहित सभी 11 आरोपी पत्रकार जेडे हत्याकांड का फैसला सुनने के लिए मौजूद रहेंगे. कड़ी सुरक्षा के बीच जज समीर अजकर अपना फैसला सुनाएंगे.
अभियोजन पक्ष के मुताबितक माफिया सरगना छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे जबकि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करते थे. सिर्फ इसी वजह से छोटा राजन ने पत्रकार जेडे की हत्या करवाई थी.
उधर, छोटा राजन के वकील अंशुमन सिंहा के मुताबिक अभियोजन पक्ष का कहना है कि छोटा राजन ने ये पूरा षडयंत्र रचा और सबूत के नाम पर उनके पास कुछ एक्स्ट्रा जूडिशियल कंफेशन था. लेकिन हमारा यही कहना है कि ये कॉल्स फर्जी थे और इसकी कोई जानकारी छोटा राजन को नहीं थी.
दरअसल, छोटा राजन के खिलाफ ये आरोप है कि जेडे की हत्या के बाद जब हाहाकार मचा था, तब राजन ने कई न्यूज़ चैनलों के दफ्तर में फोन किया था और उसने कहा था कि वह जेडे को सिर्फ धमकाना चाहता था. उसका इरादा उनकी हत्या करने का नहीं था. अभियोजन पक्ष ने इसी रिकॉर्डिंग को अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया था.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक उन दिनों विदेश में बैठे राजन ने शूटर सतीश कालिया और उसके साथियों की मदद ली. चार्जशीट के मुताबिक एक दूसरी पत्रकार जिगना वोरा ने जेडे की पहचान कराने में राजन के गुर्गों की मदद की थी. लेकिन बचाव पक्ष का कहना है कि अभियोजन पक्ष ने सबूत ठीक से अदालत में पेश नहीं किए हैं.
इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद मुंबई पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाताया था कि आरोपी कैसे जेडे का पीछा करते थे. मीडिया ने भी उस समय सीसीटीवी फुटेज दिखाया था. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक फुटेज में दिखने वाले लोग वही हत्यारे थे जो जेडे का पीछा करते थे. और अंत में उन्होंने ही जेडे को गोली मारी थी.
लेकिन संतोष देशपांडे, सतीश कालिया समेत दो और आरोपियों के वकील का कहना है कि अदालत में उपरोक्त सभी सबूत लाए ही नहीं गए थे. दो साल पहले जब राजन को इंडोनेशिया से लाया गया था. तब ये केस मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया गया था.
सरकारी वकील प्रदीप घरात ने 155 गवाहों को पेश किया और तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन का जो वॉइस सैम्पल लिया गया था, वो भी अन्य आवाज़ों से मैच हो गया था. इसकी रिपोर्ट भी अदालत में पेश की गई थी.
इस पूरे मामले में बैलेस्टिक और वैज्ञानिक सबूत अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश किए गए थे. और उन्हें लगता है कि ये सब सबूत और गवाहों के बयान आरोपियों को सज़ा दिलवाने में कामयाब होंगे.