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खूंखार डकैत गंगा गिरफ्तार, बीहड़ में वसूलता था रंगदारी

यूपी के जालौन, औरैया, इटावा और मध्य प्रदेश के भिंड के गांवों में आतंक फैलाने वाले 15 हजार के इनामी डकैत मुनेश यादव उर्फ गंगा को एसटीएफ ने दबोच लिया. वह पिछले साल झांसी कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस हिरासत से भाग गया था. गंगा पर हत्या, अपहरण, बलात्कार सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं.

 इनामी डकैत मुनेश यादव उर्फ गंगा प्रसाद इनामी डकैत मुनेश यादव उर्फ गंगा प्रसाद
मुकेश कुमार/अरविंद ओझा
  • लखनऊ,
  • 03 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

यूपी के जालौन, औरैया, इटावा और मध्य प्रदेश के भिंड के गांवों में आतंक फैलाने वाले 15 हजार के इनामी डकैत मुनेश यादव उर्फ गंगा को एसटीएफ ने दबोच लिया. वह पिछले साल झांसी कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस हिरासत से भाग गया था. गंगा पर हत्या, अपहरण, बलात्कार सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं.

जानकारी के मुताबिक, जालौन के रामपुरा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुरा जागीर गांव निवासी इनामी डकैत मुनेश यादव बीहड़ के गांवों में रंगदारी वसूलता था. चंबल के खूंखार डाकू गिरोह के सदस्य गंगा का इतना खौफ था कि उसके फरमान को सुन लोग अपनी खेतीबाड़ी बेचकर रंगदारी अदा करने पर मजबूर थे.

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रामपुरा क्षेत्र के सुल्तानपुरा, हुक्मपुरा, बिलौर, किशनपुरा, राटौरनपुरा, हनुमंतपुरा और मड़इयन आदि गांवों में उसकी दहशत थी. डकैत पहलवान सिंह गूर्जर और जगजीवन सिंह परिहार गिरोह का सदस्य रहे गंगा ने पुलिस हिरासत से भागने के बाद मुनेश यादव के साथ नया गैंग बना लिया था.

ये गैंग बीहड़ के गांव में रंगदारी वसूल रहा था. दहशत का आलम ये था कि कोई भी प्रधान या ग्रामीण पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. तीन चार महीने पहले निनावली और सिद्वपुरा गांव के प्रधानों से रंगदारी मांगी थी. रुपये न देने पर प्रधानों ने गांव छोड़ दिया.

गंगा साल 2013 में सुल्तानपुर गांव के किसान सुखबीर का ट्रैक्टर चलाता था. किसी बात पर अनबन होने पर उसने सुखबीर की हत्या कर दी. 2014 में रामपुरा पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया. 2015 उसने झांसी के व्यापारी का अपहरण कर 40 लाख की फिरौती वसूली थी.

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संगीन अपराधों के अलावा गंगा ने हाल ही में मध्यप्रदेश की ओर से आने वाले मौरंग के ट्रकों से भी वसूली का धंधा शुरू किया था. अपने गैंग के साथ वह सुल्तानपुरा और द्वार घाट पर खड़ा रहता था. वहां से निकलने वाले मौरंग के हर ट्रक से 2000 रुपये की वसूली करता था.

 

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